प्लाइवुड और पेंट हाउस: माल रख लो, पेमैंट आ गई, सैटलमैंट बाद में करेंगे

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Editors Opinion By- Sandeep Dogra

-पुरानी डेट में कट रहे बिल, भेजा जा रहा माल – पार्टी को माल भेजकर अपनी पेमैंट खुद को करके माल भेजने में अधिक जोर लगा रहे अधिकतर प्लाइवुड और पेंट वाले-

नोटबंदी के बाद पुराने नोटों को फिट करने की शुरु हुई कवायद के तहत आज हम आपको बताएंगे कि किस प्रकार शहर के प्लाइवुड और पेंट के कारोबार से जुड़े अधिकतर बड़े कारोबारी ब्लैक को वाइट करके सरकार के समक्ष सफेद पोश बनने की जुगत में हैं। विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी अनुसार प्लाइवुड एवं पेंट से जुड़े अधिकतर बड़े कारोबारियों द्वारा अपने डीलरों एवं रिटेलरों को पुरानी तारीकों में माल भेजा जा रहा है तथा अमाउंट को एडजस्ट करने के हिसाब से बिल बनाकर भेजकर पार्टी को ‘आपकी पेमैंट आ गई है’ कहकर अपनी ब्लैक वाइट करने की होड़ सी लगी हुई है। यानि कि बिल पार्टी को और अपने ब्लैक से पेमैंट करके शो करना कि पेमैंट पार्टी से आई है, बाकी बाद में सैटल होगा।

मेरा भी सफेद और तेरा भी सफेद

इतना ही नहीं काले धन का मामला ठंडा पडऩे पर पार्टी से पेमैंट लेने के लिए अकाउंटैंट की मदद से अलग से बिल काटे जा रहे हैं ताकि काला सफेद होने के बाद फिर से काला-काला का खेल शुरू हो सके और पार्टी को दिए माल की कीमत वसूल की जा सके। दूसरी तरफ जिन पार्टियों को माल भेजा जा रहा है वे अधिक माल का बिल बनाकर अपना कालाधन सफेद करने में लगे हैं। सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री द्वारा नोटबंदी का आदेश जारी किए जाने के बाद से बाजारों में गर्मागर्मी अपनी चरम सीमा पर है तथा काला धन दबाए बैठे कारोबारियों के हाथ-पैर फूले हुए हैं।

इनकम टैक्स की दबिश से ठिकानों को ताले लगा भाग गए थे कारोबारी

इस कारोबार से जुड़े सूत्रों की मानें तो इनकम टैक्स विभाग द्वारा बाजार का चक्कर मारने की खबर से ही कई कारोबारी अपने ठिकारों को ताला लगाकर रफूचक्कर हो गए थे, जिसमें शहर के अधिकतर वे कारोबारी भी शामिल थे जिन्हें शहर में सफेदपोश समाज सेवक की नजऱ से भी देखा जाता है। ऐसे में कहा जा सकता है कि सरकार से सुविधाओं और कारोबार में टैक्सों से रियायत मांगने वाले किस प्रकार सरकार और जनता की आंखों में धूल झोंक रहे हैं ताकि वे कालेधन के स्वामी बन सकें।

हर कारोबारी पर है विभाग की पैनी नजऱ

सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी अनुसार विभाग द्वारा ऐसे लोगों की सूची बनाई जा रही तथा किसी भी समय उनके ठिकानों पर दबिश दी जा सकती है, क्योंकि कालेधन के पुजारियों पर कार्रवाई को लेकर प्रधानमंत्री के सख्त आदेश हैं और ऐसे में विभाग का कोई भी अधिकारी जोखिम नहीं उठाना चाहता। विभागीय सूत्रों की माने तो अभी तक विभाग थोड़ा नरमी के साथ पेश आ रहा है तथा अगर कालाधन के स्टॉकिस्टों ने खुद सरकार के पास अपना कालाधम जमा न करवाया तो एक-एक करके सबकी परतें खुलेंगी तथा ऐसी स्थिति में उनके लिए सरकार और समाज दोनों को जवाब देना मुश्किल होगा।

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