किसानों के लिए वरदान साबित हुए कृषि विभाग की ओर से बनाए गए नक्शे: जिलाधीश

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। जिला कृषि विभाग ने पहल करते हुए जिले भर में जमीन के नक्शे तैयार किए हैं, जिससे पता लग सकेगा कि जमीन को कौन से खुराकी तत्व की जरूरत है, कौन सा अधिक मात्रा में है और किस गांव की जमीन में कौन सी फसल कामयाब होगी। यह जानकारी देते हुए जिलाधीश ईशा कालिया ने बताया कि यह नक्शे किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है, क्योंकि इन नक्शों को देखकर वे फसल लगा कम लागत में अधिक कमाई कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि रासायनिक खादों की संयमित प्रयोग को यकीनी बनाने और फसल पैदावार और मिट्टी की पौष्टिकता में सुधार करने के उद्देश्य से तैयार किए गए यह नक्शे पंजाब सरकार की ओर से मिशन तंदुरुस्त पंजाब के अंतर्गत की गई एक बेहतरीन पहल है। उन्होंने बताया कि यह नक्शे ब्लाक स्तर पर तैयार किए गए हैं, जिनको कृषि विभाग के अधिकारियों की ओर से गांवों में लगाया जा रहा है।

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– कहा, जमीन के खुराकी तत्वों के नक्शे बताएंगे, किस गांव में कौन सी फसल होगी कामयाब

ईशा कालिया ने बताया कि भूमि स्वास्थ्य कार्ड योजना के अंतर्गत किसानों की जमीन के भूमि स्वास्थ्य कार्ड तैयार करने के लिए कृषि और किसान भलाई विभाग के अधिकारियों की तरफ से जिले के गांवों में से मिट्टी के 80, 676 सैंपल लिए गए और खुराकी तत्वों की उपलब्धता का डाटा तैयार किया गया, जिस का प्रयोग जी.पी.एस. (ग्लोबल पुजीशनिंग सिस्टम) के साथ करके जिला होशियारपुर की जमीन के खुराकी तत्वों के ब्लाक स्तर पर नक्शे तैयार किए गए हैं। उन्होंने बताया कि ब्लाक अनुसार जमीन के खुराकी तत्वों के नक्शे तैयार करने के बाद जिले के समूचे 1449 गांवों में यह नक्शे लगाए जा रहे हैं।

– जिले के गांवों से मिट्टी के लिए गए 80, 676 सैंपल, सभी 1449 गांवों के सांझे स्थानों पर लगाए जाएंगे नक्शे

जिलाधीश ने बताया कि हर ब्लाक के लिए जमीन के खुराकी तत्वों के यह नक्शे तैयार कर गांवों में सांझे स्थान जैसे सहकारी सभाएं , पंचायत घरों और गुरूद्वारों के नजदीक लगाए जा रहे हैं जिससे अधिक से अधिक लोग इनसे लाभ उठा सकें। उन्होंने बताया कि इन नक्शों में अलग-अलग रंगों के द्वारा जमीन के 8 खुराकी तत्वों जैसे जैविक कार्बन, फास्फोरस, पोटाश, सल्फर, भूमि पी.एच, जिंक, लोहा और मैगनीज की उपलब्ध मात्रा दिखाई गई है। उन्होंने बताया की लाल रंग तत्व की कमी और हरा रंग तत्व की जमीन में अधिकता को दिखाता है जबकि पीला रंग जमीन का खुराकी स्तर सामान्य की तरह होने का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि इस तरह किसानों को सहज ही पता लग सकेगा कि कौन से गांव की कौन सी जमीन किस फसल के लिए लाभदायक है और कितनी मात्रा में फसल में खाद का प्रयोग करना है। इस अवसर पर मुख्य कृषि अधिकारी डा. दलवीर सिंह छीना ने बताया कि आम देखा गया है कि रासायनिक खादों की बिना सिफारिश और जरूरत से अधिक प्रयोग से जमीन के खुराकी तत्वों और फसल की पैदावार पर बुरा प्रभाव पडऩे के साथ-साथ किसानों की आय पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इन नक्शों की मदद से किसानों को जरूरत अनुसार ही खादों का प्रयोग करने संबंधी जानकारी मिलेगी, जिससे खेती खर्च कम होंगे।

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