होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। विद्यालय वह स्थान है जहां पर देश के भविष्य यानि बच्चों को ईमानदारी से कर्तव्यों का पालन करने तथा देश को आगे ले जाने के काबिल बनाया जाता है। स्कूल के अध्यापक और स्कूल द्वारा किए जाने वाले कार्य बच्चों के लिए प्रेरणास्रोत होते हैं और उनकी कार्यशैली का बच्चों पर विशेष प्रभाव पड़ता है। इसलिए प्रत्येक स्कूल द्वारा हर कार्य को पूरी ईमानदारी एवं नियमानुसार करने के प्रयास किए जाते हैं। मगर होशियारपुर का एक स्कूल ऐसा भी है जहां पर बच्चों को तो ईमानदार बनने और पढ़ाई संबंधी मेहनत करने की प्रेरणा तो की जाती है, मगर प्रबंधकों द्वारा हर कार्य नियमानुसार करना जरुरी नहीं समझा जाता।
नैशनल हाई-वे अथार्टी जालंधर ने एफ.आई.आर. दर्ज करवाने हेतु पुलिस में दी शिकायत, नगर निगम ने भी शुरु की जांच
जिसके चलते यहां पढऩे वाले बच्चे क्या सीखते होंगे इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। जीं हां! हम आपको ऐसे ही एक प्रसिद्ध स्कूल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने बिना आज्ञा के न केवल नैशनल हाई-वे की सडक़ उखाड़ डाली बल्कि कथित तौर पर बिना नगर निगम की आज्ञा के सीवरेज कनैक्शन भी कर लिया। हालांकि स्कूल प्रिंसिपल का कहना है कि वे एक साल से प्रोसैस में हैं और सभी कागजात उनके पास हैं। जब उनसे यह पूछा गया कि आपके पास मंजूरी है तो वे इसका स्पष्ट जवाब नहीं दे पाईं। दूसरी तरफ इस संबंधी पता चलने पर जहां हाई-वे अथार्टी जालंधर ने इस मामले को लेकर एफ.आई.आर. दर्ज करने हेतु पुलिस में शिकायत दी है वहीं नगर निगम द्वारा भी इसकी जांच शुरु कर दी गई है कि आखिर किस आधार पर स्कूल ने सडक़ उखाडक़र कनैक्शन जोड़ा।
जानकारी अनुसार गत रात्रि 10 अगस्त को द स्टैलर न्यूज़ को सूचना मिली थी कि ऊना रोड पर सेंट सोल्जर स्कूल द्वारा मशीन लगाकर सडक़ को उखाडऩे का कार्य करवाया जा रहा है। इस पर हमारे संवाददाता ने जब पता किया तो जानकारी मिली कि स्कूल द्वारा कनैक्शन लिए जाने संबंधी औपचारिकताओं की फाइल तो बनाई है, मगर उसके पास नैशनल हाई-वे अथार्टी एवं नगर निगम की मंजूरी नहीं है। इस संबंधी जब मेयर शिव सूद एवं निगम अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने इसकी जांच करवाने की बात कही।
हम एक साल से अनुमति के लिए घूम रहे हैं किसी ने सुनाई नहीं की, बच्चों के वैल्फेयर के लिए जोड़ा कनैक्शन, जो भी फीस बनती होगी भर दी जाएगी: प्रिं. उर्मिला सूद
पता चला है कि सीवरेज डालने दौरान मशीन ने दूर संचार विभाग की तारों को भी नुकसान पहुंचाया तथा तारों को ठीक करने के लिए ऊना से पहुंचे कर्मियों ने इनकी मरम्मत की। यह कार्य रात के समय और तीन छुट्टियां होने पर ही क्यों करवाया गया, इसे लेकर भी कई सवाल उठे रहे हैं कि छुट्टी के कारण कार्यालय बंद होने से कार्यवाही का डर नहीं रहता तथा अगर किसी तरह की कोई कार्यवाही पेश आती भी है तो कार्यालय खुलने तक उसे सैटल करने का कोई न कोई ढंग ढूंढा जा सकता है। अगर ऐसी आशंका न होती तो किसी भी कार्य वाले दिन या रात के समय भी कनैक्शन जोड़ा जा सकता है। मगर, शनिवार, रविवार व सोमवार को ईद की छुट्टी होने के कारण कार्यवाही का कोई डर नहीं रहता, जिसके चलते कनैक्शन जोड़ लिया या होगा।
आज 11 अगस्त को इस संबंधी जब नैशनल हाई-वे अथार्टी जालंधर के अधिकारी यशपाल यादव से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस संबंधी उन्हें कुछ समय पहले ही जानकारी मिली थी तथा उन्होंने विभाग के अधिकारी को मौके पर भेजा है तथा स्कूल के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करवाने के लिए पुलिस में शिकायत दी है। उन्होंने कहा कि उनके पास स्कूल द्वारा सडक़ उखाडऩे संबंधी कोई दस्तावेज नहीं दिया गया और न ही किसी ने कार्यालय से संपर्क किया है। बिना आज्ञा सडक़ को उखाडऩे संबंधी जो भी बनती कार्यवाही होगी की जाएगी।
दूसरी तरफ नगर निगम के मेयर शिव सूद ने कहा कि सोमवार को छुट्टी होने के कारण मंगलवार को इस संबंधी समस्त कागजात मंगवाकर जांच की जाएगी कि क्या पी.डब्ल्यू.डी विभाग द्वारा सडक़ उखाडऩे संबंधी मंजूरी दी गई है या इस संबंधी नगर निगम में ही पैसे जमा हुए हैं। अगर ऐसा नहीं पाया गया तो नियमानुसार स्कूल के खिलाफ कार्यवाही को अमल में लाया जाएगा।
इस संबंध में स्कूल प्रिंसिपल उर्मिला सूद ने बताया कि करीब एक साल से वे नगर निगम एवं पी.डब्ल्यू.डी. के चक्कर काट रहे हैं, मगर कोई हल नहीं निकला। इतना ही नहीं नैशनल हाई-वे अथार्टी जालंधर कार्यालय में भी संपर्क किया गया, मगर कोई हल नहीं निकला। उन्होंने कहा कि उनके पास सभी कागजात मौजूद हैं तथा उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है। उन्होंने कहा कि बच्चों के वैल्फेयर के लिए कनैक्शन जोड़ा गया है। इसकी जो भी फीस होगी भर दी जाएगी। जब उनसे पूछा गया कि आपके पास संबंधित विभाग की मंजूरी है तो वे इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाईं। उन्होंने कहा कि आप स्कूल आ जाएं आपको कागजात दिखा दिए जाएंगे।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि स्कूल के आसपास के लोगों ने भी कनैक्शन ले रखे हैं, अगर उन्होंने कनैक्शन कर लिया तो क्या हुआ। उनकी बातों से ऐसा लग रहा था कि वे यह समझाना चाह रहीं हों कि अगर कोई दूसरा गलत काम करता है तो हमें भी गलत काम करने का लाइसेंस मिल जाता है। जबकि शिक्षा के मंदिर चलाने वाले ही अगर नियमों को ताक पर रखकर कार्य करेंगे तो बच्चों व समाज को क्या शिक्षा प्रदान करें व बच्चे व युवा किसे अपना रोल मॉडल समझकर नेक रास्ते पर चलना सीखेंगे।