ओवरलोडिंग का खेल: खतरे में लोग, नींद में अधिकारी, मस्ती में ठेकेदार, सरकार को चूना

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: संदीप डोगरा/समीर सैनी। धान खरीद को लेकर सरकार द्वारा मंडियों में समस्त प्रबंधों को पूरा करने की बात कही जाती हो तथा अधिकारी वर्ग भी मंडियों में व्यवस्थाओं के सुचारु होने की बात कहकर अपनी पीठ थपथपाते नहीं थक रहा। परन्तु इसके विपरीत मंडियों में स्थिति खतरनाक ही नहीं बल्कि सरकार को चूना लगाने वाली बनी हुई है। क्योंकि, मंडी से हो रही लिफ्टिंग का अधिकतर कार्य ट्रैक्टर-ट्रालियों के माध्यम से की जा रही है, जबकि इसका प्रयोग कमर्शियल नहीं किया जा सकता। मगर कमर्शियल टैक्स जमा करवाने की बात कहकर इनके माध्यम से लिफ्टिंग का कार्य जोरों पर है।

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यह बात समझी जा सकती है कि लिफ्टिंग में तेजी लाने के लिए ट्रालियों का प्रयोग किया जा रहा है। परन्तु ओवरलोडिंग करके कौन से नियमों की पूर्ति की जा रही है यह बात समझ से परे है। ओवरलोडिड ट्रालियां सडक़ों पर चलते-फिरते यमदूतों से कम नहीं। मंडी से निकलते ही जैसे ही ट्रैक्टर-ट्रालियां मुख्य सडक़ों पर चढ़ते हैं तो ऐसा प्रतीत होता है मानो मौत सडक़ों पर घूम रही हो और किसी भी समय कोई बड़ा हादसा होने की आशंका बनी रहती है। आलम यह है कि आम ट्राली में भी 400 से 500 बोरी धान की लिफ्टिंग की जा रही है तथा अधिकारी वर्ग खुली आंखों से सब देखते हुए भी कुंभकरणी नींद में सरकारी सुविधाओं का आनंद लेने में मस्त हैं। यह भी कहा जाना कुछ गलत नहीं होगा कि ओवरलोडिंग करके जहां सरकार को टैक्स का चूना लगाया जा रहा है वहीं सडक़ों पर चलने वाले अन्य लोगों के लिए भी खतरा बन रहे हैं। क्योंकि अगर पास लोड के अनुसार ट्रैक्टर-ट्रालियों के माध्यम से लिफ्टिंग की जाए तो और वाहनों की जरुरत पड़े तथा सरकार को टैक्स भी प्राप्त हो। मगर दो-दो ट्रालियों का माल एक ट्राली में भरकर सभी नियमों को छिक्के पर टांगा जा रहा है। इस संबंधी संबंधित विभागों से जब बात की गई तो सभी एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल अपने फर्ज की इतिश्री करने का दिखावा करने लगे। लोगों से बात करने पर उन्होंने कथित तौर पर आरोप लगाते हुए कहा कि मंडी में सारा खेल मिलीभगत से चल रहा है और इसकी उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए ताकि सरकार द्वारा तय नियमों के अनुसार कार्य हो सके। इसमें भी कोई दो राय नहीं कि आंखों के सामने सारा कार्य हो और अधिकारियों को नजऱ न आए। सारा खेल कहीं न कहीं मिलीभगत की तरफ इशारा करता है।

इस संबंधी जानकारी लेने के लिए जब लिफ्टिंग के ठेकेदार भजन सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जिलाधीश के निर्देशों पर जल्द से जल्द लिफ्टिंग की जा रही है। ओवर लोडिंग संबंधी पूछे गए सवाल पर ठेकेदार ने कहा कि कानून के दायरे में रहकर काम कहां होता है। उसके जवाब से ऐसा लग रहा था जैसे ओवरलोडिंग का सारा काम कथित तौर से मिलिभगत से चल रहा हो। इतना ही नहीं ओवरलोडिंग करके ठेकेदार द्वारा सरकार को भी चूना लगाया जा रहा है क्योंकि, ओवरलोडिंग से धान की लिफ्टिंग करके और वाहन लगाने का खर्चा बचाया जा रहा है।

इस बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए जिला मंडी अधिकारी तजिंदर सिंह व सचिव सुच्चा सिंह से बात की गई जिसपर उन्होंने यह कहकर अपनी जिम्मेवारी से पल्ला झाड़ दिया कि लोडिंग का काम जिला खाद्य अपूर्ति विभाग के अधीन आता है और ओवरलोडिंग को देखना विभाग व पुलिस का काम है हमारा नहीं।

इस संबंधी जानकारी के लिए विभाग के इंस्पैक्टर कुलजीत सैनी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि लिफ्टिंग के लिए अलग-अलग लोड पास किए गए हैं तथा जिन बोरियों में धान भरी गई है वह 40 किलो से नीचे होती हैं। ट्रालियों के माध्यम से हो रही ओवरलोड लिफ्टिंग संबंधी पूछे गए सवाल व इस संबंधी ठेकेदार द्वारा दिए गए जवाब पर उन्होंने कहा कि वह इस संबंधी जांच करेंगे। उनके जवाब से भी ऐसा लग रहा था जैसे मंडी में सारा काम आंखें मूंद कर हो रहा हो तथा वह सब जानते हुए भी अंजान बने हुए हैं।

ट्रैफिक इंचार्ज मनमोहन कुमार ओवरलोडिड ट्रालियों के विषय पर बात की गई तो उन्होंने बताया कि ओवरलोडिड ट्रालियों के कुछ चालान उन्होंने पिछले दिनों में किए थे। लेकिन, फिर भी अगर ठेकेदार या वाहन चालक ट्रालियों का कमर्शियल उपयोग और ओवरलोडिंग करेंगे तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इस पूरे मामले पर एस.डी.एम. होशियारपुर मेजर अमित सरीन से बात करने पर उन्होंने कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है तथा इसका जल्द ही संज्ञान लिया जाएगा और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।

एस.पी. (हैडक्वार्टर) परमिंदर सिंह हीर से बात ओवरलोडिड वाहनों संबंधी बात की गई तो उन्होंने कहा कि नियमों का उलंघन्न करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी तथा मंडी से ओवरलोड निकलने वाली ट्रैक्टर-ट्रालियों व अन्य वाहनों पर सख्त कार्रवाई के लिए वे ट्रैफिक इंचार्ज को हिदायत जारी करेंगे।

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