होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। सामाजिक जागरूकता के लिए कार्यरत संस्था सवेरा ने राज्य में बिजली की दरों में 5 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी को जनविरोधी करार देते हुए इस बढ़ोतरी को तुरंत वापिस लेने की मांग की है। एक प्रैस विज्ञाप्ति जारी करते हुए सवेरा संस्था के पदादिकारियों डा. अजय बग्गा, हरीश सैनी तथा डा. अवनीश ओहरी ने कहा कि पिछले 2 वर्षों में कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई में सरकार ने एक दर्जन से अधिक बार बिजली की दरों में बढ़ोतरी करके आम आदमी पर वित्तिय बोझ बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि फ्यूल कास्ट एडजस्टमैंट तथा सरचार्ज के नाम पर राज्य में 5 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की गई है।
इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए पदाधिकारियों ने कहा कि यह फैसला अप्रैल 2019 से लागू करके कानून को भी छिक्के पर टांग दिया गया है। उन्होंने कहा कि कोई भी दुकानदार अपने ग्राहकों से पिछले 6 माह पहले बेचे गए सामान की वर्तमान समय में लागू कीमत के पैसे कैसे वसूल सकता है। उसी प्रकार पावरकॉम अक्तूबर में बिजली की दरें बढ़ाकर इस बढ़ोतरी को अप्रैल 2019 से कैसे वसूल कर सकता है? डा. बग्गा, हरीश सैनी व डा. ओहरी ने पंजाब सरकार को बढ़ी बिजली दरें वापिस लेने की अपील करते हुए कहा कि अगर, बिजली सप्लाई करने वाला पावरकॉम घाटे में चल रहा है तो इस कमी की पूर्ति करने के लिए सरकार को जरुरत अनुसार प्रयास करने चाहिए। लेकिन जनता पर इस प्रकार बोझ डालकर अन्याय करना किसी भी सूरत में तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सरकार पंजाब में बिजली सरपल्स होने का दावा करती है तो दूसरी तरफ पंजाब में पड़ोसी राज्यों से अधिक दाम पर सप्लाई कर रही है।
यह बोझ बढऩे से इसका सीधा असर जहां आम नगरिकों पर पड़ेगा वहीं इंडस्ट्री पर बोझ बढऩे से यहां नए लगने वाले उद्योग भी प्रभावित होंगे तथा हमारे पड़ोसी राज्य जो सस्ती बिजली व अन्य रियायतें दे रहे हैं वे वहां पलायन करने को मजबूर होंगे। क्या सरकार इस दिन का इंतजार कर रही है कि लोग घरों से निकलकर सडक़ों पर उतरने को विवश हों। उन्होंने सरकार से मांग की कि इस बढ़ोतरी को बिना देर वापिस लिया जाए तथा पिछले समय में भी जो बढ़ोतरी की गई है उसे भी रद्द करके जनता को राहत दी जाए।