-तीन माह से घर से गायब चंदन को उसके परिवार से मिलाया, यू.पी. के जिला कुशीनगर का रहने वाला है चंदन, दिमागी तौर पर है परेशान-
होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। रोजाना सुबह सिविल अस्पताल में भर्ती मरीजों को दूध व ब्रैड व रस आदि भेंट करने की सेवा में कार्यरत सस्था ‘सेवा भारती’ ने आज अपने 35वें स्थापना दिवस पर अपने मानवता के कार्यों में नया अध्याय जोड़ लिया है। संस्था सदस्यों ने आज एक ऐसे व्यक्ति को उसके परिवार से मिलाया, जो पिछले तीन माह से अपने घर से लापता था। उक्त व्यक्ति मानसिक रुप से बीमार बताया जा रहा है तथा पिछले लंबे समय से सिविल अस्पताल में लावारिसों की तरह पड़ा हुआ था।
इस संबंधी जानकारी देते हुए सेवा भारती के अध्यक्ष बी.के. भारद्वाज व सचिव अरविंद शर्मा ने बताया कि सुबह दूध व ब्रैड की सेवा दौरान उन्हें जानकारी मिली कि पिछले करीब 2 माह से अस्पताल के एक बैड पर ऐसा व्यक्ति पड़ा हुआ है जो इतना बीमार है कि शौच के लिए भी नहीं जा सकता और उसके पारिवारिक सदस्यों का भी कोई पता नहीं चल रहा। इस पर संस्था ने इस संबधी जिम्मेदारी उठाई और इस संबंधी यू.पी. व बिहार से संबंधित लोगों को इस बारे में कोई जानकारी देने की बात कही। इस दौरान पता चला कि उक्त व्यक्ति का नाम चंदन पुत्र गणेश प्रसाद है तथा यह जंगल बिलवा चौरिया, जिला कुशीनगर, यू.पी. का रहने वाला है। इस पर उन्होंने गांव के सरपंच को इस बारे में जानकारी दी और उन्होंने चंदन के भाई व एक अन्य गांव वाले को चंदन को लाने के लिए भेजा। श्री भारद्वाज ने बताया कि चंदन के भाई बताया कि चंदन दीमागी तौर पर बीमार रहता है तथा पिछले 3 माह से घर से कहीं चला गया था। उन्होंने बताया कि वह पहले भी घर से चला जाता था पर उन्हें नहीं पता था कि वह इतनी दूर पहुंच जाएगा। श्री भारद्वाज ने बताया कि चंदन संबंधी उसके भाई के पास मौजूद शिनाख्ती कार्ड व अन्य दस्तावेजों को देखने उपरांत ही उन्होंने चंदन को उनके सुपुर्द किया। गौरतलब है कि सेवा भारती पिछले 35 वर्षों से बिना नागा सिविल अस्पताल में दूध, ब्रैड व रस आदि भेंट करके मरीजों की सेवा करती आ रही है और इसके साथ-साथ लावारिसों को परिजनों से मिलना भी इनके मुख्य लक्ष्यों में एक है। आज संस्था के स्थापना दिवस पर एक लापता को उसके परिवार के साथ मिलाकर संस्था ने अपने मानवीय कार्यों में नया अध्याय जोड़ लिया है। इस मौके पर चंद्रशेखर गौतम, अश्विनी सोनी, नरेश सोढी, विक्रम आदि मौजूद थे।
35वें स्थापना दिवस पर सेवा भारती ने मानवता की सेवा में जोड़ा नया अध्याय
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