विपरीत परिस्थितियों को चुनौती के रूप में करें स्वीकार: ब्रह्मऋषि विशाल

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। श्री श्री ज्ञान विकास केंद्र द्वारा आयोजित डेरा बाबा चरण शाह में ब्रह्मऋषि विशाल जी द्वारा करवाए जा रहे 10 प्लस कोर्स के दूसरे दिन साधकों को विपरीत परिस्थितियों और मुश्किलों में कभी भी ना हारने के लिए प्रेरित किया बल्कि एसी स्थिति को एक चुनौती के रूप में स्वीकार करने को कहा। उन्होंने ये भी बताया कि कोई भी महापुरुष हो चाहे श्रीराम, श्रीकृष्ण, भगत सिंह, महात्मा गांधी जी हो इन्होंने हमेशा मुश्किल परिस्थितियों को चुनौती के रूप में स्वीकार किया। विपरीत परिस्थितियों को चैलेंज के रूप में लेने वाला व्यक्ति ही हमेशा महान बनता है। आजकल युवा विपरीत हालातों में आत्महत्या की ओर बढ़ रहे हैं परंतु आत्महत्या किसी समस्या का हल नहीं होता। ब्रह्मऋषि जी ने बताया कि अपने आप को तंदुरुत और खुश रखना चाहिए और सब से पहला सम्मान खुद को देना चाहिए।

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खास करके माता पिता को अपने आप को स्वस्थ रखना चाहिए ताकि उनकी बीमारी उनके बच्चों के भविष्य में रुकावट ना बने। इसी तरह खुद को तंदुरुत और निरोग रखने के लिए विभिन्न प्रकार के व्यायाम और योग आसन करवाए और प्राण ऊर्जा बढ़ाने के लिए थ्री स्टेज प्राणायाम भी करवाया और इस प्राणायाम की महानता बताते हुए उन्होंने ये भी कहा की इसे करने से प्राण ऊर्जा तो बढ़ती ही है साथ में कुछ भी बनने की क्षमता भी पैदा होती है। चौथे दिन ब्रह्मऋषि जी ने ये ज्ञात करवाया की हमें अपने कर्म अच्छे ही करने चाहिए क्योंकि हमारे कर्मों का फल ही हमारे चाहने वालों का भविष्य तय करता है और उनके द्वारा साधकों को खुद के स्वार्थ छोड़ कर राष्ट्रीय के लिए स्वार्थी बनने का अवाहन किया। साथ में ही उन्होंने ये भी बताया की राष्ट्रीय सेवा करने से ही असली पुण्य मिलते हैं।

इस अवसर पर परमजीत, विकास, रोहित, राकेश, दीपक, मुनीश, राजेश, कृष, अंकुश, तरुण, सुरिंदर, कोमल, हरप्रीत, नवनीत, तेजीन्दर, अमित, साहिल, गौरव, उपासना, संतोष, रितिका, अंजलि, वेणु, रूपाशी, आशा, नीरू, वंशीका, रमनदीप, बिमला, संगीता और बाकी सेवादारों के द्वारा साधकों को सेवाएं प्रदान की गई।

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