समाज को सभ्य बनाने के लिए पहले खुद बनें सभ्य: सांपला

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। इतिहास गवाह है कि निरंतर चलने वाले लोग समय के सदुपयोग से समाज में बदलाव लाने की क्षमता रखते थे, पर उन्हे सभ्य समाज की संरचना करने में कठिनाई नहीं होती थी, क्यों कि वो खुद सभ्य होते थे। इस लिए अगर हमें समाज को सभय बनाना है, तो पहले हमें स्वंय को सभ्य बनाना होगा। उपरोक्त शब्द भारत गौरव संस्था के चेयरमैन, पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री विजय सांपला ने अपने निवास स्थान पर आयोजित परिवार मिलन समारोह के अवसर पर कहे। सांपला ने कहा कि अंकों के हिसाब से अंग्रेजों के नववर्ष पर मैं उस सभी कार्यकर्ताओं को बधाई देना चाहता हूँ, जिन्होने वर्ष 2019 में हर संघर्ष में इकठ्ठे रह कर मेरा व एक दूसरे का साथ दिया। उन्होने कहा कि हमें इस बात का भी संकल्प लेना होगा कि जो सेवा का पथ हम ने चुना है, उस से कभी पथ भ्रष्ट न हों।

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विफलकाएं ही बनती हैं अगली सफलता की सूत्रधार: तलवाड़

सांपला ने आने वाले साल में दुगनी ताकत से जनहित के कार्यों को करने की बात करते हुए कहा कि जो कार्य हम वर्ष 2019 में पूरे नहीं कर पाए, उन्हे इस साल में पूरा करने का यत्न करें। समारोह को संबोधित करते हुए संस्था के वाईस चेयरमैन संजीव तलवाड़ ने कहा कि विफलता आगामी सफलता की सूत्रधार होती है। उन्होने कहा कि जो लोग आज की विफलताओं से डर कर घर बैठ जाते हैं, वो कभी भी इतिहास की सृजना नहीं कर पाते। तलवाड़ ने कहा और जो लोग सफलता का श्रेय केवल खुद को देते हैं, उन्हे हमेशां विफलताओं का सामना करना पड़ता है।

इसलिए संयुक्त परिवार से ही मिली सफलता अमर रहती है। तलवाड़ ने सभी को मिलजुल कर कार्य करते हुए आगे बढऩे की प्रेरणा दी। इस अवसर पर ज्ञान बांसल, विजय अग्रवाल, तरसेम गुप्ता, कमलजीत सेतिया, डी.एस. बागी, सरबजीत कौर, सुरिंदर कौर ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

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