होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। उदासीन आश्रम डेरा बाबा चरण शाह बहादुरपुर में कपूरथला की रानी की समाधि के जीर्णोद्वार के कार्य का आज 12 फरवरी को महंत रमिंदर दास पूर्व कैबिनेट मंत्री तीक्ष्ण सूद, पूर्व सांसद वरिंदर सिंह बाजवा व अन्य गणमान्यों द्वारा नारियल फोड़ कर किया गया। इस मौके पर महंत रमिंदर दास जी ने बताया कि श्री गुरु नानक देव जी के बड़े बेटे श्रीचंद जी महाराज जी द्वारा उदासीन संप्रदाय चलाया गया था तथा यह उनका डेरा है। डेरे का नाम बाबा चरण शाह जी के नाम से प्रसिद्ध है। ऐतिहासिक आश्रम होने के चलते यहां पर बहुत ही दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन करने आते थे और वर्तमान समय में भी आते हैं। करीब 150-200 साल पहले कपूरथला राजा की रानी यहां पर दर्शन करने आई थी और यहीं पर उसने अंतिम सांस ली थी। जिसकी समाधि आश्रम के साथ ही बनाई गई थी।
महंत रमिंदर दास, पूर्व कैबिनेट मंत्री तीक्ष्ण सूद, पूर्व सांसद वरिंदर सिंह बाजवा व अन्य गणमान्यों ने किया जीर्णोद्वार कार्य का शुभारंभ
1984 तक इसकी हालत काफी ठीक रही, लेकिन बाद में ध्यान न दिए जाने के कारण यह जर्जर स्थिति में आ गई। उन्होंने कहा कि समय-समय पर मौके की सरकारों द्वारा भी इसके जीर्णोद्वार के लिए प्रयास किए गए, जो किन्हीं कारणों से पूरे नहीं हो सके। लेकिन अब डेरे की तरफ से इसके जीर्णोद्वार का जिम्मा उठाया गया है तथा इसके लिए करीब 40 लाख रुपये का अनुमानित खर्च आने की संभावना है। उन्होंने बताया कि रानी का नाम तो उन्हें पता नहीं लेकिन इतना जरुर है कि 1984 तक यहां पर सैकड़ों की संख्या में साधू-महात्मा आकर रहते थे और पंजाब का माहौल खराब होने के चलते उनकी यहां आमद कम हो गई। महंत रमिंदर दास जी ने बताया कि रानी की समाधि बहुत पुरानी है और इसे संभालना हमारा फर्ज बनता है ताकि हमारी आने वाली पीढिय़ा हमारे इतिहास को जान सकें। समाधि के जीर्णोद्वार के साथ-साथ इसकी खूबसूरती को प्राचीन कला के साथ ही सजीव किया जाएगा और इसके आसपास पार्क बनाया जाएगा, जहां पर फ्वारे एवं लाइटिंग लगाकर इसकी भवयता को और सुन्दर बनाया जाएगा। इसके साथ ही बुजुर्गें के बैठने के लिए बैंच आदि लगाए जाएं और समाचार पत्र आदि लगाए जाएंगे ताकि वे यहां आकर समय व्यतीत कर सकें और सायं व छुट्टी वाले दिन बच्चे यहां आकर अपने इतिहास को जान सकें व खेल-मस्ती कर सकें।
इस मौके पर पूर्व कैबिनेट मंत्री तीक्ष्ण सूद एवं पूर्व सांसद वरिंदर सिंह बाजवा ने कहा कि महंत रमिंदर दास जी द्वारा रानी की समाधि के जीर्णोद्वार का जो बीड़ा उठाया गया है वह सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि महंत जी के इस कदम से जहां हमारा इतिहास बचेगा वहीं हमारे बच्चों को भी इतिहास की जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस कार्य में शहर निवासियों को तन-मन और धन से सहयोग करना चाहिए। इस अवसर पर कमल वर्मा, कृष्ण गोपाल आनंद, हरीश खोसला, विजय अग्रवाल, आनंद अग्रवाल, भारत भूषण वर्मा, विजय पठानिया, रमेश कुमार मेछी, विनोद परमार, नरेश आनंद, कीमती लाल आनंद, यशपाल शर्मा, रामदेव यादव, अमित आंगरा, हरजिंदर सिंह रीहल, सुरिंदर वर्मा, लवली पहलवान, विनोद मलिक, हरीश सैनी, हरीश भल्ला, बलदेव सिंह बेदी, सुदर्शन पराशर, संत मनोहर हास, अशोक कुमार, रमेश चड्डा के अलावा जीर्णोद्वार का कार्य कर रहे आर्टिटेक्ट राहुलदेव सियाल भी मौजूद थे।