जम्मू/राजौरी (द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: अनिल भारद्वाज। केंद्र शासित राज्य जम्मू-कश्मीर में मंगलवार को कोरोना संक्रमण रोगियों की संख्या 50 का आंकड़ा पार कर गई। आज 6 और मामले पॉजीटिव पाए गए हैं। यह सभी मामले कश्मीर से हैं और इनमें एक 10 साल का लडक़ा भी शामिल है, जो बेमिना क्षेत्र में रहने वाले कोविड-19 (कोरोना संक्रमित) व्यक्ति के संपर्क में आया था। वह व्यक्ति तब्लिगी जमात का हिस्सा था और वह शहीद-ए-मिलात मस्जिद में आया हुआ था।
बच्चे के माता-पिता सहित परिवार के अन्य सदस्यों को भी क्वारंटाइन केंद्र भेज दिया गया
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ईदगाह श्रीनगर इलाके का रहने वाला यह लडक़ा 23 मार्च को कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आया था। आज ही उसके संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। फिलहाल यह बच्चा इस समय स्किम्स के आइसोलेट वार्ड में भर्ती है। स्किम्स में कोरोनावायरस नियंत्रण के नोडल अधिकारी डॉ. जी एच यात्तू ने बताया कि लडक़े परिजन कल ही उसे यहां लेकर आए थे। जांच के दौरान उसमें कोरोना संक्रमित होने के लक्षण पाए गए। उसके सैंपल लिए गए और जांच के लिए भेजे गए। आज सुबह उसकी रिपोर्ट आई जोकि पॉजीटिव थी।
इसके बाद बच्चे के माता-पिता सहित परिवार के अन्य सदस्यों को भी क्वारंटाइन केंद्र भेज दिया गया है। वहीं मामले की पुष्टि होते ही श्रीनगर म्यूनिसिपल कारपोरेशन ने ईदगाह सहित पूरे मोहल्ले को सैनिटाइज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पूरे मुहल्ले व पीडि़त परिवार के घर में छिडक़ाव किया गया।
इसके अलावा 5 अन्य व्यक्ति जो पॉजीटिव पाए गए हैं, वे जवाहर लाल नेहरू मेमोरियल अस्पताल में भर्ती हैं। इन 6 मामलों के साथ जम्मू-कश्मीर में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 55 हो गया है। आज सामने आए मामलों में 2 मरीज बेमिना, 1 ईदगाह, 1 बांडीपोरा और 2 मरीज हाजिन से हैं।
जम्मू-कश्मीर सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने आज पॉजीटिव पाए गए 6 मामलों की पुष्टि करते हुए कहा कि लगातार बढ़ते मामले खतरे का सबब हैं। विदेश यात्रा या संक्रमित रोगियों के संपर्क में आए लोगों का लगातार पता लगाया जा रहा है।
बतादें कि गत सोमवार को जम्मू-कश्मीर में संक्रमण के 11 मामले सामने आए थे। इनमें जीएमसी जम्मू का एक डाक्टर भी शामिल है। डाक्टर के संक्रमित होने का यह जम्मू में पहला मामला था। यह डाक्टर सरकारी मेडिकल कॉलेज जम्मू के माइक्रोबायोलॉजी प्रयोगशाला में माइक्रोबायोलॉजिस्ट के रूप में काम कर रहे थे। इसके बाद प्रयोगशाला में काम करने वाले सभी कर्मचारियों और अन्य जो उसके संपर्क में आ सकते हैं, को क्वारंटाइन केंद्र भेज दिया गया है।