चंडीगढ़(द स्टैलर न्यूज़)। मिशन फतह के अंतर्गत कोविड-19 की रोकथाम के लिए उठाए जा रहे कदमों अधीन चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग द्वारा परंपरागत ढंग की बजाय नवीनतम पहुँच को अपनाते हुए मैडीकल कॉलेजों, जिला अस्पतालों और निचले स्तर पर काम कर रहे फ्रंट लाईन वर्करों को स्पैशलाईज्ड प्रशिक्षण के द्वारा इस बीमारी के साथ मुकाबले में समर्थ बनाया गया है। इस संबंधी जानकारी देते हुए चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के प्रमुख सचिव डी.के. तिवारी ने बताया कि विभाग द्वारा कोविड-19 के साथ निपटने के लिए जिला स्तर पर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाने के लिए जिला अस्पतालों को पॉजिटिव मरीजों के संपर्क ट्रेस करने, कनटेनमैंट जोन स्थापित करने, श्रेणी 1 और 2 की सुविधाओं का मुल्यांकन करने और हर जिले की सहायता के लिए 3-3 डॉक्टर तैनात किये गए हैं। इसके अलावा मरीजों के सैंपल लेने का प्रशिक्षण, इलाज संबंधी मार्ग दर्शन और हर जिले के लिए नोडल फेकल्टी मुहैया करवाया गया।
इसके साथ ही तीसरे दर्जे की स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाने के लिए राज्य में टर्शरी केयर सर्वे करवाया गया, जिसके कि 76 पैरामीटर थे। इस सर्वे के दौरान 218 निजी अस्पतालों का पहचान के उपरांत चयन किया गया है ताकि जरूरत पडऩे पर मरीजों को उचित स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाई जा सकें। उन्होंने आगे बताया कि विभाग द्वारा माहिर डॉक्टरों का समूह बनाया गया है, जो जरूरत पडऩे पर मैडीकल कॉलेजों, जिला अस्पतालों और निचले स्तर पर काम कर रहे फ्रंट लाईन वर्करों को फोन और वीडियो कॉन्फ्रेंस के द्वारा मार्ग दर्शन देते हैं। प्रमुख सचिव ने बताया कि प्रशिक्षण देने के इस कार्य में प्रो. के के तलवार (सलाहकार स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, पंजाब सरकार) के नेतृत्व में प्रोफैसर बिशव मोहन (कार्डीओलॉजी विभाग, डी.एम.सी.एच. लुधियाना), प्रोफैसर जी.डी. पुरी, डीन और एच.ओ.डी. एनस्थीसिया, पी.जी.आई.एम.ई.आर, चंडीगढ़, डॉ. विकास सूरी, मैडिसन के एडीशनल प्रोफैसर, पी.जी.आई.एम.ई.आर. चंडीगढ़, डॉ. अनूप के सिंह, एसोसिएट प्रोफैसर पुलमॉनरी एंड क्रिटीकल केयर मेडिसिन विभाग, लैनोकस हिल हस्पताल, न्यूयार्क, यू.एस.ए., डॉ. अजीत कयाल, सेंट जॉर्ज यूनिवर्सिटी हस्पताल, एन.एच.एस. फाऊंडेशन ट्रस्ट), डॉ. सन्दीप कटारिया, एनस्थीसिया सलाहकार, ब्रोंक्स न्यूयार्क), प्रो. नितीश नायक, प्रोफैसर कार्डीयोलॉजी एम्स, नयी दिल्ली) प्रो. अम्बूज रॉय, प्रोफैसर कार्डीयोलॉजी एम्ज नयी दिल्ली, प्रो. राजेश महाजन, मैडिसन के प्रोफेसर, डी.एम.सी. लुधियाना, प्रो. रवीन्द्र गर्ग, प्रोफैसर मैडिसन, सरकारी मैडीकल कॉलेज फरीदकोट, प्रो. आर. एस. सिबिया, प्रोफैसर मैडिसन सरकारी मैडीकल कॉलेज पटियाला, प्रोफैसर रमन शर्मा, प्रोफैसर मैडिसन, सरकारी मैडीकल कॉलेज अमृतसर, प्रोफैसर नितिन मल्होत्रा प्रोफैसर मैडिसन, सी.एम.सी. मैडीकल कॉलेज लुधियाना, द्वारा प्रशिक्षण देने में अहम भूमिका निभाई गई,
जबकि कलर-कोडिड संबंधी प्रशिक्षण के लिए डॉ. साहिल गोयल (डी.एम.सी.एच. लुधियाना), प्रो. गुरप्रीत एस वांदर (डी.एम.सी.एच. लुधियाना), डॉ. सरजू रलहन (एच.डी.एच.आई, लुधियाना), प्रोफैसर विशाल चोपड़ा (सरकारी मैडीकल कॉलेज पटियाला), मैडिसन के प्रोफैसर, सीएमसी लुधियाना, विशेष इनपुट और कलर-कोड कंसेप्ट के साथ), प्रो. अकाशदीप (डी.एम.सी.एच. लुधियाना) डॉ. तनु सिंघल (कोकीलाबेन धीरूभाई अम्बानी हस्पताल मुम्बई) और श्री राजा गुप्ता, (डी.एम.सी.एच. लुधियाना) द्वारा प्रशिक्षण संबंधी विशेष इनपुट दिए गए। उन्होंने कहा कि पंजाब के अलग-अलग मैडीकल कॉलेज पहली बार इस स्तर पर कुशलता के साथ तालमेल करके इस नयी बीमारी के साथ निपटने के लिए पूरी ताकत के साथ एकजुट होकर काम कर रहे हैं। श्री तिवारी ने कोविड-19 का मुकाबला करने में सहायक सिद्ध हुई प्रो.के.के. तलवार के नेतृत्व वाली प्रशिक्षण देने वाले समूह डॉक्टरों की टीम की प्रशंसा करते हुए कहा कि इनके मार्ग दर्शन स्वरूप ही पंजाब राज्य कोविड 19 के खिलाफ निर्णायक जंग लड़ सका है।