सहकारिता मंत्री रंधावा ने केंद्र सरकार द्वारा गन्ने की कीमत में मामूली वृद्धि को सिरे से रद्द किया

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। केंद्र सरकार द्वारा निरंतर किए जा रहे किसान विरोधी फैसलों की लड़ी में किये एक और फैसले के अंतर्गत गन्ने की कीमत में की गई मामूली वृद्धि को पंजाब के सहकारिता मंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने सिरे से रद्द कर दिया। आज यहाँ जारी प्रैस बयान में रंधावा ने माँग की कि कोविड महामारी के संकट में अधिक लागतों का सामना कर रहे गन्ना काश्तकारों को बचाने और गन्ना क्षेत्र की आर्थिकता को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार घोषित कीमत के अलावा 70 रुपए प्रति क्विंटल अतिरिक्त बोनस का ऐलान करे जो सीधा किसानों के खातों में डाला जाये। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 10 प्रतिशत रिकवरी रेट पर गन्ने की कीमत में केवल 10 रुपए प्रति क्विंटल वृद्धि करते हुए 275 रुपए प्रति क्विंटल से 285 रुपए प्रति क्विंटल किया है। केंद्र सरकार द्वारा 9.5 प्रतिशत रिकवरी पर रखे गए 270.75 रुपए प्रति क्विंटल कीमत के साथ भी पंजाब जैसे कम रिकवरी वाले राज्यों के साथ अन्याय किया गया है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने तो पहले ही गन्ना किसानों की बेहतरी को देखते हुए इस कीमत में 35 रुपए वृद्धि करके 310 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया हुआ है।

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गन्ने की कीमत में की गई मामूली वृद्धि को गन्ना काश्तकारों के साथ भद्दा मजाक करार देते हुए रंधावा ने कहा कि इस फैसले ने फसलीय विभिन्नता की मुहिम को भी बड़ा धक्का पहुँचाया है, खासकर 10 प्रतिशत रिकवरी रेट से कम वाले पंजाब राज्य के लिए यह हानिकारक फैसला है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार किसानों को गेहूँ-धान के फसलीय चक्र से निकालने के लिए गन्ने की खेती को विकल्प के रूप में पेश करने के लिए अथक यत्न कर रही है जिसके अंतर्गत कलानौर में अति आधुनिक गन्ना शोध केंद्र और चीनी मीलों का नवीनीकरण भी कर रही है परन्तु केंद्र सरकार द्वारा ‘ऊँट के मुँह में जीरा’ के समान की गई मामूली वृद्धि ने किसानों को गन्ने की खेती से अपना मन हटाने के लिए प्रेरित किया है।

रंधावा ने कहा कि विश्वव्यापी कोरोना महामारी के दौर में पंजाब के किसानों ने केंद्रीय अन्न भंडार को भरने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि राज्य के किसान तो पहले ही केंद्र सरकार द्वारा लाए तीन किसान विरोधी ऑर्डीनैंसों के सदमे से नहीं उभरे औश्र अब गन्ने की कीमत में मामूली वृद्धि करके केंद्र सरकार ने किसानों के जख्मों पर नमक छिडक़ा है। उन्होंने कहा कि चीनी जरूरी वस्तुओं का हिस्सा है जिसके लिए गन्ने की फसल बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि कोविड संकट के दौरान जरूरी वस्तुओं की अहमीयत का सबको पता चला परन्तु केंद्र सरकार ने इन सभी पक्षों की अनदेखी करते हुए गन्ने की कीमत में मामूली वृद्धि की है जिसको पंजाब सरकार सिरे से रद्द करती है।

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