जालंधर (द स्टैलर न्यूज़)। “सम्पूर्ण देश में विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान 12 हजार विद्या मंदिरों (औपचारिक विद्यालय)और 13 हजार संस्कार केन्द्रों (अनौपचारिक विद्यालय, सिंगल टीचर स्कूल) का सफलतापूर्वक संचालन कर रही है। इतने विशाल शैक्षणिक संस्थान का सम्पूर्ण संचालन समाज आधारित है। किसी भी प्रकार से कोई भी सरकारी सहायता विद्या भारती को प्राप्त नहीं होती है। इस प्रकार विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान देश का गैर सरकारी सहायता प्राप्त सबसे बड़ा शैक्षणिक संगठन है। इसी की प्रांतीय इकाई ‘सर्वहितकारी शिक्षा समिति’ ने पंजाब के शिक्षा क्षेत्र में एक अहम भूमिका निभाई है। आज पंजाब के शिक्षा क्षेत्र में सर्वहितकारी विद्या मन्दिरों का नाम सर्वप्रथम लिया जाता है। इन विद्या मंदिरों में उच्च गुणवत्ता युक्त शिक्षा के साथ साथ बालकों को देशभक्ति से ओत-प्रोत शिक्षा भी प्रदान की जाती है। जैसी हमारी शिक्षा व्यवस्था होगी देश भी वैसा बनेगा।” यह उदगार माननीय केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सोम प्रकाश ने प्रकट किया। अवसर था सर्वहितकारी शिक्षा समिति के स्वर्ण जयंती वर्ष समारोह के उद्घाटन का सोम प्रकाश इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप उपस्थित हुए।
इस आनलाइन समारोह के संचालक मालेरकोटला सर्वहितकारी विद्या मन्दिर के प्रधानाचार्य प्रेम सिंह खिमटा ने कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए मुख्य वक्ता विद्या भारती के अध्यक्ष डी.राम कृष्ण राव को अपने विचार व्यक्त करने के लिए आमंत्रित किया। श्री राव ने अपने मार्गदर्शन में कहा, ” किसी संस्था द्वारा 50 वर्ष पूर्ण कर लेना कोई बहुत बड़ी उपलब्धि नहीं है परन्तु उपलब्धि यह है कि इस समय में सर्वहितकारी शिक्षा समिति ने स्वयं को समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की दिशा में आगे बढ़ाया है। इस स्वर्ण जयंती वर्ष में हमें विचार करना होगा कि हमारे द्वारा किए गए कार्यों का लाभ समाज के उस व्यक्ति तक भी पहुंचे जो पंक्ति में सबसे अंत में खड़ा है। विद्या भारती का उद्देश्य बड़े बड़े विद्यालय चलाना नहीं है। हमारा उद्देश्य तो शिक्षा व्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन करने का है। प्रसन्नता की बात है कि केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई नई शिक्षा नीति इस दिश में एक बड़ा कदम है। इसे लागू करवाने में हमें सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करना होगा। हमें इसके लिए अपनी कमर कसकर तैयार रहना होगा। शिक्षा को दुर्गम और सीमान्त क्षेत्रों के साथ ही वंचित वर्ग तक हमें शिक्षा का प्रकाश पहुंचाना है। विद्या मंदिरों को प्रौढ़ शिक्षा की ओर भी ध्यान देना चाहिए।
” इस समारोह के अध्यक्ष केन्द्रीय विश्व विद्यालय बठिंडा के उप कुलपति आर.पी. तिवारी ने कहा कि शिक्षा सर्वसमावेशी होना चाहिए। शिक्षा का उद्देश्य ‘परहित सरस धर्म नहीं भाई। पर पीड़ा सम नहीं अधमाई।।’ होना चाहिए। सर्वहितकारी शिक्षा समिति इस दिशा में तेजी से अपने कदम बढ़ा रही है। आज जरूरत है कि अध्यापक स्वयं को समाज के सामने एक गुरु के रूप में प्रस्तुत करे। इस आनलाइन उद्घाटन समरोह में अशोक पाल (दिल्ली), सुरेन्द्र अत्री (कुरुक्षेत्र), देशराज शर्मा (तलवाड़ा), जयदेव बातिश(चंडीगढ़), अशोक बब्बर (अमृतसर), विजय नड्डा (जालन्धर), हर्ष कुमार (जालन्धर), चन्द्रहास गुप्ता (चंडीगढ़), विजय ठाकुर (जालंधर) के साथ अन्य अनेक गणमान्य लोगों ने हिस्सा लिया। अंत में मेजर जनरल सुरेश खजूरिया ने सभी अधिकारियों और कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया। वन्देमातरम के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।