होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। इंडियन वैटरन आर्गेनाइजेशन की बैठक सूबेदार मेजर जतिंदर सिंह राणा की अगुवाई में हुई। जिसमें उन्होंने कहा कि यह आर्गेनाइजेशन रिटायर्ड तथा सेवा में हाजिर जवानों के अधिकारों की रक्षा के लिए बनाई गई है तथा उन्हें जिला प्रधान की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि इससे पहले जो संगठन बने हैं उसमें अधिकारियों ने सिर्फ अपने लाभ लिए हैं। लेकिन इस संगठन में जवान से लेकर आनरेरी कैप्टन तक ही शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सरकार किसानों के खिलाफ काला कानून बनाकर किसानों को हितों को हथियाना चाहती है तो दूसरी तरफ सरकार अब जेसीओज़ जवानों के हकों को दबाने की कोशिश कर रही है व सरकार पैनशन तथा सीएसडी सुविधा पर कैंची चलाना चाहती है। जो किसी भी कीमत पर नहबीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सेना प्रमुख विपन रावत ने जो ड्राफ्ट तैयार किया है, उसमें जेसीओज़ तथा जवानों की पैनशन को टारगेट किया गया है। जबकि 1956 से 1970 तक अधिकारियों की पैनशन 30 प्रतिशत थी तथा उसके उल्ट जेसीओज़ व जवानों की 70 प्रतिशत। पर अब इन अधिकारियों ने अपनी 100 प्रतिशत कर ली तथा जेसीओज़ व जवानों की 25 प्रतिशत से 50 प्रतिशत कर दी है। जोकि उनके साथ सरासर धोखा है।
जिस प्रकार पैनशन की उम्र 35 साल की गई है उस क्रटीरिया में जवान से लेकर आनरेरी कैप्टन रैंक तक कोई भी नहीं आएगा। राणा ने कहा कि जब जनरल फौज में होते हैं तो जवानों के सिर पर चलते हैं तथा सेवा निवृत्त होते ही अपने लाभ के लिए जवानों को नहीं पूछते तथा मौजूदा जनरल भी यही कर रहे हैं। राणा ने केन्द्र सरकार और सेना मुखी से अपील की कि वे इस ड्राफ्ट पर रीव्यू करें ताकि उसे सेना के जवानों और किसानों के विरोध का सामना न करना पड़े।