स्वास्थ्य मंत्री ने मिशन फतेह के अंतर्गत 22 आईईसी जागरूकता वैनों को हरी झंडी दिखा कर किया रवाना

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने आज यहाँ मिशन फतेह के अंतर्गत 22 आई.ई.सी. वैनों को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। इस मौके पर संबोधन करते हुए स. सिद्धू ने कहा कि यह वैनें पंजाब के शहरी और उच्च जोखि़म वाले इलाकों में जाकर लोगों को कोरोनावायरस और अन्य बीमारियों के प्रति जागरूक करेंगी।

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इस मुहिम के दौरान कोविड-19 के टैस्ट भी किए जाएंगे। यह वैनें प्रिंट और ऑडियो-विज़ुअल सामग्री के साथ लैस हैं। स. सिद्धू ने बताया कि यहाँ हरेक जिले में 1 वैन होगी और इसलिए एक माईक्रो प्लान तैयार किया गया है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि अब तक पंजाब में 31 लाख से अधिक नमूने लिए जा चुके हैं, जिनमें से 1,49,278 पॉजि़टिव मामले सामने आए हैं और इस समय पर पंजाब में लगभग 7,479 एक्टिव केस हैं। पंजाब में मरीज़ों के पॉजि़टिव पाए जाने की दर 4.9 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय पॉजि़टिविटी दर 6.9 प्रतिशत है। पंजाब में 7 लैबोरेट्रियों द्वारा कोरोना की टेस्टिंग की जा रही है। कोरोना के मरीज़ों को मानक स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाने के लिए 1500 आईसीयू बिस्तरों, 855 वैंटीलेटरों और 8000 से अधिक ऑक्सीजन बिस्तरों का प्रबंध किया गया है। उन्होंने बताया कि पंजाब में रोज़ाना 25,000 से 30,000 कोरोना टैस्ट किए जा रहे हैं, जिनमें से 75 प्रतिशत आरटी-पीसीआर टैस्ट किए जाते हैं।

घरेलू एकांतवास के अधीन मरीज़ों को कोरोना किटें भी प्रदान की जा रही हैं। इन किटों में थर्मामीटर, पल्स-ऑक्सीमीटर, स्टीमर, ज़रूरी दवाएँ और जागरूकता सामग्री शामिल है। इसी तरह अस्पतालों में सेहतयाब हुए मरीज़ों को पोस्ट कोविड-19 केयर किटें दी जा रही हैं। कोरोनावायरस के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है और सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान विभिन्न फ़ैसले भी लिए हैं और सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने लोगों को मास्क पहनने, एक दूसरे से सामाजिक दूरी बनाकर रखने और हाथ धोने जैसे नियमों की पालना करने की भी अपील की। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव श्री हुसन लाल ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अमले ने वायरस पर काबू पाने के लिए अथक मेहनत की है।

स्वास्थ्य कर्मचारियों और फ्रंट लाईन वर्करों को 50 लाख रुपए के जीवन बीमे की सुविधा दी गई है। फ्रंट लाईन कर्मचारियों को तकरीबन 185 करोड़ रुपए की लागत से पीपीई किटें, मास्क और अन्य चीजें मुहैया करवाई गई हैं। पॉजि़टिव मरीज़ों के इलाज के लिए 5.5 करोड़ रुपए से ज़्यादा की दवाएँ मुफ़्त प्रदान की गई हैं। इस मौके पर डायरैक्टर स्वास्थ्य सेवाएं डा. मनजीत सिंह, स्वास्थ्य मंत्री के ओ.एस.डी डा. बलविन्दर सिंह, डायरैक्टर एन.एच.एम. डा. परविन्दरपाल सिंह सिद्धू, स्टेट नोडल अफ़सर-कोविड-19 डा. राजेश भास्कर, स्टेट प्रोग्राम अफ़सर आई.ई.सी./बी.सी.सी श्री शविन्दर सहदेव और स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे।   

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