रंधावा ने आम आदमी पार्टी द्वारा धार्मिक मामलों को लेकर की जा रही राजनीति को बताया दुर्भाग्यपूर्ण

चंडीगढ़(द स्टैलर न्यूज़)। कांग्रेस मंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने आम आदमी पार्टी द्वारा धार्मिक मामलों को लेकर की जा रही राजनीति को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि श्री गुरु तेग़ बहादुर जी को सिफऱ् पंजाब तक सीमित करके नौवीं पातशाही के बलिदान को छोटा नहीं किया जा सकता। गुरू साहिब द्वारा धर्म की रक्षा के लिए दिल्ली जाकर दी गई शहादत की मिसाल अद्वितीय है और यह तो समूची दुनिया के लिए ज़मिर की आवाज़ के अनुसार धर्म अपनाने की आज़ादी के लिए बलिदान की मिसाल है।

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श्री गुरु तेग़ बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व के मौके पर शिरोमणि कमेटी द्वारा देश के प्रधानमंत्री को न्योता न देने के मुद्दे पर स. रंधावा द्वारा इत्तफ़ाक न रखने के कारण आम आदमी पार्टी द्वारा उन पर भाजपा के साथ मिले होने के दोषों को सिरे से ख़ारिज करते हुए कांग्रेसी मंत्री ने कहा कि धार्मिक मामलों में राजनीति को नहीं लाना चाहिए। स. रंधावा ने कहा कि भाजपा के खि़लाफ़ कांग्रेस के विरोध को भाजपा की ‘बी’ टीम आप द्वारा सर्टिफिकेट लेने की ज़रूरत नहीं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस तो शुरू से ही भाजपा की घोर राजनैतिक विरोधी पार्टी रही है, जबकि केजरीवाल की ‘ख़ास’ पार्टी भाजपा की ‘बी’ टीम के तौर पर ही काम करती है। 2014 की लोक सभा मतदान के मौके पर वारानसी से चुनाव लडऩे वाले नरेन्द्र मोदी को जीत दिलाने के ख़ातिर अरविन्द केजरीवाल ने ख़ुद जाकर वहाँ से चुनाव लड़ा जिससे विरोधी पक्षों की वोटें बाँटीं जा सकें। कांग्रेसी नेता ने कहा कि उनकी पार्टी कभी भी मुकद्दमों से नहीं घबराई।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का सवा सौ साल पुराना इतिहास है जिसने आज़ादी की लड़ाई भी लड़ी। पंजाब में आतंकवाद के खि़लाफ़ भी कांग्रेस ने अगली कतार में लड़ाई लड़ी। उन्होंने कहा कि दूसरी ओर केजरीवाल मोदी के रहमो-करम पर अपनी सरकार चला रहा है और सत्ता सुख के कारण उसने दिल्ली बैठे भाजपा के खि़लाफ़ मुँह तक नहीं खोला। यहाँ तक कि केजरीवाल की दिल्ली सरकार ने काले कृषि कानूनों को लागू करने के लिए नोटिफिकेशन भी जल्दबाज़ी में लागू कर दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा जहाँ पंजाब में नरेन्द्र मोदी की भाजपा सरकार के खि़लाफ़ मोर्चा खोला गया, वहीं कांग्रेसी संसद मैंबर 33 दिनों से जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे हैं।

उन्होंने कहा कि केजरीवाल सात साल पहले भाजपा के इशारे पर कांग्रेस के खि़लाफ़ धरनों में शामिल होता था और अब वह भाजपा सरकार के खि़लाफ़ कोई एक्शन नहीं कर रहा। आप नेता राघव चड्ढा को आड़े हाथों लेते हुए स. रंधावा ने कहा कि कांग्रेस के खि़लाफ़ बोलने से पहले उसे अपने गिरेबान में झाँकना चाहिए। उसे एक ही सवाल किया कि वह पहले केजरीवाल से यह पूछ कर आए कि उसके पार्टी प्रधान ने बिक्रम मजीठिया के खि़लाफ़ केस वापस लेकर माफी क्यों माँगी थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के खि़लाफ़ बोलने वाली आम आदमी पार्टी यह स्पष्ट करे कि उन्होंने कौन से डर या समझौते के अंतर्गत अकाली दल और अब भाजपा के खि़लाफ़ बोलना बंद कर दिया।

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