दिल्ली में कुछ अराजक तत्वों द्वारा हिंसा असहनीय, मुख्यमंत्री द्वारा किसानों को दिल्ली की सरहदों पर लौटने की अपील

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। राष्ट्रीय राजधानी में आज की ट्रैक्टर रैली के दौरान कुछ अराजक तत्वों द्वारा हिंसा को असहनीय बताते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अपनी सच्ची माँगों के लिए लड़ रहे किसानों को तुरंत दिल्ली को छोडऩे और वापस सरहदों पर पहुँचने की अपील की, जहाँ वह पिछले दो महीनों से शांतमयी ढंग से संघर्ष कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने दिल्ली में हिंसा और तनाव के मद्देनजऱ पंजाब में हाई-अलर्ट के हुक्म दिए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने डीजीपी दिनकर गुप्ता को यह यकीनी बनाने के हुक्म दिए कि राज्य में किसी भी कीमत पर कानून व्यवस्था भंग न हो। स्थिति पर गंभीर चिंता ज़ाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंसा स्पष्ट तौर पर कुछ लोगों द्वारा शुरू की गई थी, जिन्होंने दिल्ली पुलिस और किसान संगठनों के दरमियान आपसी समझौते के द्वारा ट्रैक्टर मार्च के लिए निश्चित नियमों का उल्लंघना की।

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उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन असामाजिक तत्वों ने किसानों के शांतमयी आंदोलन में गड़बड़ी पैदा की। उन्होंने ऐतिहासिक लाल किले और राष्ट्रीय राजधानी के कुछ अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर घटी घटनाओं की भी निंदा की। इसका जिक़्र करते हुए कि बड़े किसान नेता पहले ही पूरी तरह से इस हिंसा में शामिल शरारती तत्वों से अपने आप को अलग कर चुके हैं, कैप्टन अमरिन्दर ने कहा कि आंदोलनकारी किसानों को तुरंत राष्ट्रीय राजधानी खाली करनी चाहिए और सरहदों पर अपने टिकानों पर वापस चले जाना चाहिए और कृषि कानूनों से सम्बन्धित संकट के हल के लिए केंद्र से संबंध कायम रखना चाहिए। राष्ट्रीय राजधानी में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा की गई हिंसा ना बर्दाश्त योग्य है। यह शांतमयी ढंग से विरोध कर रहे किसानों द्वारा पैदा की गई सदभावना पर बुरा प्रभाव डालेगा।

किसान नेताओं ने अपने आप को अलग कर लिया है और ट्रैक्टर रैली को निरस्त कर दिया है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया कि मैं सभी किसानों से अपील करता हूँ कि वह दिल्ली को छोडक़र सरहदों पर लौट आएं।  कैप्टन अमरिन्दर ने किसानों को उसी तरह ही संयम बरतने के लिए कहा जैसे वह पिछले दो महीनों से दिल्ली की सरहदों और पहले पंजाब में शांतमयी आंदोलन के दौरान रख रहे थे। यह बात करते हुए कि शांति उनके आंदोलन की विशेषता रही है, जिसके स्वरूप उनको भारत और विश्व भर से समर्थन मिला। उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि किसानों द्वारा लोकतांत्रिक ढंग से किए जा रहे विरोध प्रदर्शनों के दौरान कानून-व्यवस्था को हर कीमत पर कायम रखा जाये।

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