रसायनयुक्त खाद्य पदार्थ मानव जीवन और पर्यावरण दोनों के लिए हैं घातक: संजीव अरोड़ा

-भाविप ने ‘पर्यावरण संरक्षण और खाद्य पदार्थों में बढ़ते रसायनों के प्रभाव’ विषय पर संगोष्ठी आयोजित की-
होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। ‘पर्यावरण संरक्षण और खाद्य पदार्थों में बढ़ते रसायनों के प्रभाव’ विषय पर भारत विकास परिषद की तरफ से एक संगोष्ठी का आयोजन प्रधान प्रमुख समाज सेवी संजीव अरोड़ा की अध्यक्षता में किया गया। इस मौके पर संजीव अरोड़ा ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण बातों में नहीं बल्कि इसके लिए जमीनी स्तर पर प्रयास करने से ही संभव हो पाएगा। उन्होंने कहा कि बिगड़ते पर्यावरण संतुलन के लिए मानव सबसे अधिक जिम्मेदार है, क्योंकि मानव कम समय में अधिक मुनाफे के चक्कर में जहां वनों की अंधाधुंध कटाई करने में लगा है वहीं गेहूं, मक्की, फलों और सब्जियों में बढ़ता रसायनों का प्रभाव भी इसे बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है। इतना ही नहीं मिठाईयों में बढ़ते स्क्रीन के प्रयोग व सिंथेटिक मिठाईयों के चलन से भी मानव जीवन व पर्यावरण पर विपरीत असर पड़ रहा है। जिसे रोकने के

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लिए जहां संबंधित विभाग को पूरी सख्ती के साथ कार्रवाई को अमल में लाना चाहिए वहीं समाज सेवी व पर्यावरण संरक्षण के कार्य में लगी संस्थाओं को चाहिए कि वे लोगों को जागरुक करें ताकि रसायन युक्त वस्तुओं के प्रयोग को न कही जा सके। संजीव अरोड़ा ने बताया कि हैरानी की बात है कि फलों को पकाने के लिए पहले जहां पोटाश आदि का प्रयोग किया जाता था वहीं अब चाइना निर्मित पाउडर का प्रयोग बढऩे लगा है, बताया जा रहा है कि यह पाउडर बेहद हानिकारक है। जिस पर रोक लगाया जाना बेहद जरुरी व समय की मांग है।
इस मौके पर दविंदर अरोड़ा, राजिंदर मोदगिल व दीपक मेहंदीरत्ता ने कहा कि पर्यावरण से छेड़छाड़ के नतीजे हमें भुगतने पड़ रहे हैं तथा अगर ऐसे ही चलता रहा तो आने वाली पीढिय़ां हमें कोसेंगी, क्योंकि तब तक इन सब पर काबू पाना असम्भव हो चुका होगा। उन्होंने फल बिक्रेताओं और किसानों से अपील की कि वे फलों व सब्जियों को पकाने में किसी भी प्रकार के रसायन व मसाले का प्रयोग न करें तथा हलवाईयों से भी अपील करते हुए उन्होंने कहा कि वे सिंथेटिक रसों व मिठाईयों से परहेज करें ताकि इसका पर्यावरण व मानव की सेहत पर बुरा प्रभाव न पड़े। इस अवसर पर जिला सचिव जगमीत सिंह सेठी, कुलवंत सिंह पसरीचा, तरसेम मोदगिल, कुलविंदर सिंह सचदेवा, महिंदर सिंह, वरिंदरजीत सिंह, डा. जसवाल, एच.के. नकड़ा, मास्टर गुरप्रीत सिंह, राजीव मनचंदा, रमेश भाटिया, शाम नरुला, शाम सुन्दर नागपाल, कर्नल ललित विग, राज कुमार मलिक, संजीव खुरानाी, परवीन पब्बी, रविंदर भाटिया व अन्य मौजूद थे।

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