कंडी नहर में मृत गौधन, प्रदूषित हो रहा पानी, नींद में प्रशासन, धार्मिक स्थल से लौट रहे युवाओं ने की पहल

होशियारपुर/हरियाना (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: प्रीति पराशर। कंडी नहर जो हाजीपुर से होशियारपुर से होते हुए बलाचौर तक लाखों एकड़ जमीन को सींचने का काम करती है, में मृत गौधन जहां पानी को प्रदूषित कर रहा है वहीं उन्हें निकालने की संबंधित विभागों द्वारा जहमत न उठाए जाने से हालात और भी बदतर बनते जा रहे हैं। आलम यह है कि नहर में गिरकर मरे गौधन से पैदा होने वाला प्रदूषण युक्त पानी खेतों में सिंचाई के लिए प्रयोग हो रहा है, जिससे जाने-अंजाने लोग बीमारियों का शिकार होंगे इस आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता। नहर के दोनों तरफ रेलिंग न होने के कारण कई बार लावारिस गौधन नहर में गिर जाता है तथा अधिकतर केसों में खेतों के कई मालिक अपनी फसल को लावारिस गौधन से बचाने के लिए उन्हें नहर में धकेल देते हैं। जिससे वह बाहर नहीं निकल पाता और नहर में ही दम तोड़ देता है। लोग अपनी फसल बचाने के लिए उन्हें नहर में धकेल तो देते हैं, मगर बाहर निकालना जरुरी नहीं समझते। जिससे वह मौत का ग्रास बन जाते हैं।

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दसूहा के करीब स्थित गगन जी का टीला में भगवान शिव के दर्शन करके लौट रहे हरियाना के करीबी गांवों के युवकों ने जब गौधन को नहर में मृत देखा तो उनसे रहा न गया। उन्होंने इस बारे में तुरंत गगन जी का टीला चौक पर खड़े पुलिस मुलाजिमों को बताया और पुलिस ने उन्हें रुकने के लिए कहा। लेकिन काफी देर तक जब पुलिस व संबंधित विभाग की तरफ से कोई नहीं आया तो युवकों ने रस्से आदि लेकर अपनी जान पर खेलते हुए कुछेक गौधन के शवों को नहर से निकाला।

गगन जी का टीला पर दर्शन करके लौट रहे युवकों नीरज डडवाल, सौरव मनहास, भूमि सिंह राणा, जोनी, सन्नी, सोनू, लाडी, शुभ राजपूत आदि ने बताया कि उन्होंने रास्ते में देखा कि नहर में बने हर साइफन पर करीब 1-2 या 3-3 गौधन के शव अटके पड़े हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने पुुलिस से मदद मांगी व वहां पास में ही स्थित एक गौशाला वालों को भी इसकी सूचना दी। लेकिन कोई नहीं आया। इस पर उन्होंने बड़ी मुश्किल से 2-4 मृत गौधन को नहर से निकाला, लेकिन गौधन का वजन अधिक होने के कारण बिना मशीनरी के उन्हें बाहर निकालना पूरी तरह से जोखिम भरा है। इसलिए सबंधित विभाग एवं जिला प्रशासन को चाहिए कि वह नहर की सफाई की तरफ ध्यान दे और नहर का मुआयना करवाकर नहर में फंसे जीवित गौधन एवं मृत गौधन को बाहर निकालकर उन्हें सुरक्षित स्थान पर भिजवाना चाहिए। युवाओं ने कहा कि अगर इस काम में प्रशासन को उनकी मदद की जरुरत पड़ेगी तो वह हर समय इसके लिए तैयार हैं।

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