जम्मू (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: अनिल भारद्वाज। 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किला में हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जम्मू से दो किसान नेताओं को हिरासत में लिया है। दोनों को हिरासत में लेने के उपरांत तत्काल ही पूछताछ के लिए दिल्ली लाया ले जाया गया है। वहीं किसान नेताओं के परिवार व हजारों की संख्या में लोग जम्मू-पठानकोट के अंतर्गत नेशनल हाईवे पर इकठ्ठे हुए और सडक़ मार्ग अवरुद्ध कर दिल्ली व जम्मू कश्मीर पुलिस के साथ ही मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन जारी कर दिया। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए किसान नेता मोहिंद्र सिंह व मनदीप सिंह को रिहा किया जाए जिन्हें बेगुनाह पुलिस ने हिरासत में लिया है। मोदी सरकार किसानों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है।
हिरासत में लिए आरोपियों की पहचान 45 वर्षीय मोहिंद्र सिंह सिंह पुत्र नानक सिंह निवासी चट्टा मिल, सतबरी, जम्मू व 23 वर्षीय मनदीप सिंह पुत्र इकबाल सिंह निवासी कैंप गोलगुजराल जम्मू। मोहिंदर जम्मू एंड कश्मीर यूनाइटेड किसान फ्रंट का प्रधान है।
मोहिंदर सिंह की लडक़ी ने कहा कि पापा दिल्ली किसानों के समर्थन के लिए गए थे नाकि हिंसा फैलाने के लिए। बतादें की अगर जल्द ही प्रशासन द्वारा डिगियाना (जम्मू) में प्रदर्शन की रोकथाम के लिए उचित कदम नहीं उठाए गए थे। मामला और गंभीर हो सकता है। जम्मू एंड कश्मीर यूनाइटेड किसान फ्रंट के प्रधान मोहिंदर सिंह 26 जनवरी की हिंसा के मामले में जम्मू से हिरासत में लिया गया पहला शख्स है। वह जम्मू शहर के चाठा के निवासी है। मोहिंद्र सिंह के परिवार ने उसे निर्दोष बताया है और तत्काल रिहाई की मांग की है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक मोहिंदर सिंह 26 जनवरी के पहले ही दिल्ली आ गया था और दिल्ली हिंसा में शामिल था।
मोहिंदर की पत्नी ने कहा उन्होंने मुझे बताया था कि जम्मू पुलिस के एसएसपी ने उन्हें बुलाया है और वह गांधी नगर पुलिस थाने जा रहे हैं। इसके बाद उनका फोन बंद आने लगा। पूछताछ करने पर, उन्हें पता चला कि उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और उन्हें दिल्ली ले जाया गया है। मोहिंदर सिंह की पत्नी ने दावा किया कि जब हिंसा हुई तब उनके पति लाल किले पर नहीं, बल्कि दिल्ली की सीमा पर थे। उन्होंने कहा वह एसएसपी के पास अकेले गए थे, क्योंकि उन्हें कोई डर नहीं था। उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है। अगर कोई किसान है तो किसान के समर्थन के लिए आवाज बुलंद करना उसका हक है। मोहिंद्र व मनदीप को जल्द से रिहा किया जाए। प्रदर्शन के मध्यनजर पुलिस व प्रशासन के उच्च अधिकारी मौके पर मौजूद हैं।