नई दिल्ली (द स्टैलर न्यूज़)। पिछले लंबे समय से सोशल मीडिया के हो रहे गलत इस्तेमाल की ढेरों शिकायतों के बाद केन्द्र सरकार ने नई गाइड़लाइन जारी की हैं। जिसके अनुसार अब कोई भी आपत्तिजनक कंटेंट पोस्ट करने से पहले 100 बार सोचना पड़ेगा। बता दें कि भारत में व्हाट्सएप यूजर 53 करोड़, यूट्यूब 44.8 करोड़ यूजर, फेसबुक के 41 करोड़ यूजर, इंस्टाग्राम के 21 करोड़ और ट्विट्र के 1.75 करोड़ यूजर हैं। केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावेडक़र ने पत्रकारवार्ता में सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए नई गाइड्लाइन्स की जानकारी दी। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत में व्यापार करने के लिए सोशल मीडिया का प्रयोग आराम से किया जा सकता है और व्यापार चलाने वालों के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल के लिए स्वागत है लेकिन, कुछ फर्जी कंपनियों व फर्जी न्यूज़ चैनलों की तरफ से इसका प्रयोग गलत ढंग से किया जा रहा है उनके लिए नई गाइडलाइन्स जारी हुई हैं। जिसके तहत अब 3 स्तर पर निगरानी की जाएगी इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट द्वारा सिग्निफिकेंट सोशल मीडिया कानून को 3 माह में लागू कर दिया जाएगा।
इसके साथ ही सेल्फ रेग्युलेशन के लिए एक संस्था बनानी होगी जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट से रिटायर्ड कोई जज करेंगे। ओटीटी और डिजिटल न्यूज़ मीडिया को जानकारी देनी होगी कि कहां से पब्लिश कर रहे हैं, कैसे पब्लिश करते हैं और कैसे जानकारी को फैलाते हैं, इसके लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी नहीं है सिर्फ जानकारी अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर गलत शब्दावली का प्रयोग किया जा रहा है लेकिन अब सरकार द्वारा सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री को मंजूरी नहीं दी जाएगी। यानि अब सोशल मीडिया पर अधिकारियों को तैनात किया जाएगा, और 24 घंटे में आपत्तिजनक पोस्ट को हटाना होगा। इसके अलावा हर माह कितनी शिकायतों की सुनवाई और कार्रवाई हुई इसकी जानकारी भी देना आनिवार्य होगा। मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल की कई शिकायतें उन्हें प्राप्त हुई हैं, जिसके तहत कई फर्जी न्यूज़ चैनल फेक समाचार प्रकाशित करके नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं तथा कईओं का इस्तेमाल आतंकियों की मदद के लिए भी किया जा रहा है।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया कंपनियों को यूजर्स की शिकायतों के लिए एक अधिकारी नियुक्त करना होगा जिसकी जानकारी मंत्रालय को देनी होगी तथा नियुक्त अधिकारी को 15 दिनों के भीतर यूजर्स की शिकायत का समाधान निकालना होगा वहीं, अगर किसी अश्लील पोस्ट को लेकर शिकायत मिलती है तो 24 घंटे में उस कंटेंट को हटाना होगा। वहीं, मंत्रालय द्वारा जारी नए नियमों के अनुसार सोशल मीडिया कंपनियों को प्रत्येक माह एक रिपोर्ट सरकार को देनी होगी जिसमें यूजर्स की तरफ से कितनी शिकायतें आई हैं, कंपनी द्वारा उसपर क्या कार्रवाई की गई, का विवरण देना होगा। इसके साथ ही 24 घंटे में शिकायती कंटेंट को हटाना होगा।
एक नियम में मंत्री ने बताया कि इन नियमों के अनुसार यूजर को बिना बताए सोशल मीडिया से पोस्ट रिमूव नहीं कर सकते। इसके अलावा किसी भी तरह की अफवाह गलत प्रचार को पहली बार किसने पोस्ट किया, इसकी जानकारी देनी होगी। उन्होंने कहा कि अगर भारत के बाहर से कोई आपत्तिजनक पोस्ट करता है तो कंपनी को बताना होगा कि पहली बार फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किसने डाला है। इसके साथ ही अगर कंपनी सोशल मीडिया से किसी यूजर के कंटेंट को रिमूव करना चाहती है तो पहले संबंधित यूजर को कंटेंट हटाने की वजह बतानी होगी।