भगवान को पाना है तो अभिमान को त्यागे : श्री जगमोहन दत्त शास्त्री जी

– सावरे घनश्याम तुम तो प्रेम का अवतार हो पर खूब झूमे श्रद्धालु
होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। चिंतपूर्णी रोड पर स्थित शिवालिक एनक्लेव बिल्ला कलोनी में चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ के आज के चरण में कथा व्यास श्री जगमोहन दत्त शास्त्री जी महाराज ने अपने मुखर बिंद से श्रीमद् भागवत महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ का रस पान करवाते हुए कहा कि भगवान और हमारे बीच में बस एक ही बाधा है वो है अभिमान अगर हमे भगवान को पाना है तो अभिमान को त्यागना होगा। उन्होंने आगे की कथा का प्रसंग सुनते कहा की मनुष्य का शरीर एक दरवाजे की तरह है जो अछे कर्म करने से भगवान की तरफ खुलता है और बुरे कर्म करने से चोरासी लाख योनियो के चक्र में ही भटकता रहता है।

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आज जो समय आपके पास है वो पता नही कल मिले न मिले इसको प्रभु सिमरन के साथ जोड़ दो, आगे उन्होंने आत्म देव की कथा सुनते हुए कहा की महात्मा की बात सुनने के बाद आत्म देव जवाब देते है की यह भजन यह जप तप यह अद्यात्म यह तो आप जेसे बाबाओ का काम है अगर हम जेसे लोग भी यह सब करने लग पड़े तो यह सृष्टि कौन चलाएगा आप क्या जानो ग्रहस्त में कितना सुख है आगे जवाब देते महात्मा बोले अगर ग्रहस्त में ही इतना सुख होता तो तू यहाँ मरने क्यों आता श्री अतुल कृष्ण शास्त्री जी ने आगे कहा की वेसे ग्रहस्त आश्रम ही सबसे सरवोच है बाकि की जो तीन अव्स्थ्याए है फिर चाहे वो ब्रह्मचर्य है चाहे वो वान परस्त है सन्यास है उसमे तुम अकेले हो की कहा की कथा उपरांत आए हुए यजमान संतोष अग्रवाल व पूनम अग्रवाल द्वारा मंगल आरती उपरांत आई हुई संगत को लंगर रूपी प्रसाद वितरित किया गया ।

इस अवसर पर अंजनी कुमार शर्मा, संतोष कुमार मुख्य यजमान थे। दीप शर्मा, प्रमोद शर्मा, रवि शर्मा, विनोद शर्मा, संजीव वशिष्ट, पंकज शर्मा, राजेश गोयल, अलका शर्मा, धरमिंदर सिंह, रीतू, संतोष कुमारी, राकेश कुमारी, सुरिंदर शर्मा, संजीव, मनमोहन, बाली जी, कांसलर रजनी डडवाल व रमेश डडवाल कमलजीत सेतिया , सुषमा सेतिया व ओशो धयान केंद्र से मीरा माई भी के इलावा अन्य श्रद्धालु उपस्थित हो कर मंगल आरती उपरांत आई हुई संगत को लंगर रूपी प्रसाद वितरित किया गया।

 

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