डीजीपी द्वारा संगठित अपराधों, नशीले पदार्थों की तस्करी और पराली जलाने के विरुद्ध रणनीति तैयार करने के निर्देश

चंडीगढ़, मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दिशा-निर्देशों अनुसार त्योहारों के सीजन के दौरान अमन-शांति और सदभावना को यकीनी बनाने और राज्य में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए, पंजाब के डी. जी. पी. गौरव यादव ने आज राज्य के सभी सी. पीज़. / एस. एस. पीज़. को राज्य में संगठित अपराध, नशीले पदार्थों की तस्करी और पराली जलाने के विरुद्ध रणनीति तैयार करने के निर्देश दिए हैं। 

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डीजीपी ने राज्य में संगठित अपराध, नशीले पदार्थों की तस्करी और पराली जलाने के विरुद्ध कार्यवाही की समीक्षा करने के लिए वीडियो कान्फ़्रेंस के द्वारा राज्य स्तरीय कानून व्यवस्था समीक्षा मीटिंग की। इस मीटिंग में राज्य के सभी सीनियर पुलिस अधिकारियों, रेंज ए. डी. जी. पीज़. / आई. जीज़. / डी. आई. जीज़., सी. पीज़. / एस. एस. पीज़., डी. एस. पीज़ और सभी एस. एच. ओज़़ ने शिरकत की। राज्य में पराली जलाने की घटनाओं को तुरंत रोकने के लिए सिवल प्रशासन के साथ मिल कर काम करने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुये उन्होंने सभी सी. पीज़. / एस. एस. पीज़. को ज़िला मैजिस्टरेटों के साथ रोज़मर्रा की मीटिंगें करने के साथ-साथ एस. एच. ओज़. को अपने अधिकार क्षेत्रों में निजी तौर पर गश्त करने और इसको रोकने के लिए ज़रुरी कदम उठाना यकीनी बनाने के लिए कहा। उन्होंने सभी सी. पीज़. / एस. एस. पीज़. को जिलों को सैक्टरों में बाँटने और सैक्टर के इंचार्ज के तौर पर गज़टिड अफ़सर तैनात करने के निर्देश भी दिए। 

ज़िक्रयोग्य है कि पराली जलाने पर मुकम्मल रोक लगाना यकीनी बनाने के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की पालना करते हुये डीजीपी गौरव यादव ने विशेष डीजीपी (कानून और व्यवस्था) पंजाब अर्पित शुक्ला को पुलिस नोडल अफ़सर के तौर पर नियुक्त किया है जो पराली जलाने के विरुद्ध अपेक्षित कार्यवाही के लिए उनकी निगरानी अधीन काम करेंगे। गौरतलब है कि हुक्मों में कहा गया है कि पुलिस नोडल अफ़सर उचित निर्देश जारी करने के साथ-साथ मीटिंगों और यात्राओं का आयोजन और सम्बन्धित जानकारी इकट्ठी करके डीजीपी पंजाब और मुख्य सचिव को देगा जिससे माननीय सुप्रीम कोर्ट की पराली जलाने की घटनाओं पर रोक सम्बन्धित हिदायतों की पालना को यकीनी बनाने के लिए पुलिस द्वारा की जा रही कार्यवाहियों की निगरानी की जा सके। और विवरण सांझा करते हुये पंजाब पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस स्टेशन के क्षेत्र और आकार के आधार पर तुरंत प्रभाव से अपेक्षित संख्या में अतिरिक्त गश्त पार्टियों को सक्रिय किया जा रहा है। 

उन्होंने कहा कि राज्य में पराली जलाने को रोकने के लिए सिवल प्रशासन और स्थानीय ज़िला पुलिस मिलकर काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि ज़रूरत पड़ने पर फायर टैंडरों की तैनाती के लिए फायर विभाग के साथ तालमेल रखा जा रहा है। पुलिस प्रवक्ता ने यह भी कहा कि ज़िला पुलिस को हिदायत की गई है कि वह किसानों, नागरिकों और अलग-अलग भाईवालों को पराली जलाने के बुरे प्रभावों के बारे जागरूक करने के लिए शामिल करें। गौरतलब है कि पराली जलाना कानूनी उल्लंघन भी है और उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध बनती कार्यवाही की जा सकती है।

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