जिले में 864 एकड़ में हुई धान की सीधी बिजाई

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। जिले के प्रगतिशील किसानों की ओर से पानी की बचत कर 864 एकड़ में धान की सीधी बिजाई कर ली गई है, जो कि जल सरंक्षण के लिए उठाया गया एक अहम कदम है। जिलाधीश ईशा कालिया की ओर से धान की सीधी बिजाई वाले खेतों का दौरा कर प्रगतिशील किसानों की हौंसला आफजाई की जा रही है, ताकि किसान जागरु क हो कर जहां पानी की बचत के लिए आगे आएं, वहीं फसली चक्र से निकल कर कृषि के विविधिकरण को अपनाएं।
जिलाधीश ईशा कालिया ने गांव काणे में प्रगतिशील किसान गुरविंदर सिंह की ओर से की गई धान की सीधी बिजाई वाले खेतों का दौरा करते हुए कहा कि पानी की बचत के लिए किया गया यह प्रयास प्रशंसनीय है। उन्होंने इस प्रगतिशील किसान की हौसला आफजाई करते हुए कहा कि धान की फसल पैदा करने वाले जिले के बाकी किसानों को भी धान की सीधी बिजाई करनी चाहिए, क्योंकि सीधी बिजवाई के साथ पानी का कम प्रयोग होता है और झाड़ भी बढ़ता है। फसल भी जल्दी तैयार हो जाती है और एक एकड़ में से 30 प्रतिशत पानी की बचत की जा सकती है। उन्होंने कहा कि धान की आम बिजाई के लिए एक एकड़ में 65 सैंटीमीटर पानी की जरु रत पड़ती है, जबकि धान की सीधी बिजाई से केवल 35 सैंटीमीटर पानी की जरुरत है। इसके अलावा खेती खर्च किए भी घटते हैं, जिससे किसान आर्थिक तौर पर और मजबूत हो सकता है।

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– किसानों को पानी की बचत कर आधुनिक कृषि का रास्ता अपनाने की अपील की

ईशा कालिया ने कहा कि जिले के प्रगतिशील किसानों की ओर से 864 एकड़ धान की सीधी बिजाई कर ली गई है। उन्होंने कहा कि यह बिजाई डी.एस.आर मशीनों के द्वारा की जा रही है और जिले के कृषि विभाग के पास 9 मशीने उपलब्ध हैं, जिनके माध्यम से हर ब्लाक में इच्छुक किसानों के खेतों में नि:शुल्क बिजाई करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की ओर से लाखों रुपए की लागत वाली यह मशीने मुहैया करवाई गई हैं और एक डी.एस.आर की कीमत 55 हजार रुपए है।

जिलाधीश ने कहा कि इस साल मक्की का क्षेत्रफल भी अब तक 10 हजार हेक्टेयर अधिक चुका है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष साल 55 हजार हेक्टेयर मक्की का क्षेत्रफल था, जबकि इस वर्ष 65 हजार हेक्टेयर मक्की की बिजाई हो चुकी है। उन्होंने आशा प्रकट करते हुए कहा कि यह क्षेत्रफल 85 हजार हेक्टेयर तक पहुंच सकता है। उन्होंने किसानों से अपील करते कहा कि वह पानी की बचत को पहल दें व कृषि विभाग की सिफारिशों के अनुसार ही खेती करें। उन्होंने फसली चक्र से निकल कर कृषि के विविधिकरण को अपनाने की अपील करते कहा कि किसान अपनी आर्थिक स्थिति और मजबूत करने के लिए सहायक धंधे भी अपनाएं।

मुख्य कृषि अधिकारी डा. विनय कुमार ने बताया कि होशियारपुर -1 ब्लाक के गांवों पंडोरी फंगूड़े, काणे, संधरा सोडियां, आलोवाल, शाम चौरासी, ढोडे माजरा व बैंस खुर्द के अलावा अन्य गांवों के किसानों ने कृषि व किसान भलाई विभाग के प्रयासों से आधुनिक तकनीक को अपना कर जहां खेती खर्चों को घटाया है, वहीं पानी की बचत के लिए भी अहम योगदान डाला है। उन्होंने कहा कि डी.एस.आर मशीनों से धान की सीधी बिजाई के अलावा किसानों की ओर से बैड के माध्यम सेा (कद्दू की जरु रत नहीं पड़ती) व फ्रेमों में भी विशेष मशीनों के साथ 320 एकड़ में धान की बिजाई की गई है, इस तकनीक से भी पानी की बचत होती है। इस मौके कृषि अधिकारी डा. सुरिन्दर सिंह, कृषि विकास अधिकारी डा. सिमरनजीत सिंह, ब्लाक टेक्नालिजी मैनेजर कमलजीत सिंह, टैक्निशियन अवतार सिंह, सरपंच अशोक कुमार, प्रगतिशील किसान सुरिंदर सिंह, अमृतपाल सिंह, नवदीप भुल्लर, दिलबाग सिंह के अलावा अन्य किसान भी उपस्थित थे।

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