शिक्षा मंत्री सिंगला ने तकरीबन 6 हज़ार स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में बदला

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब भर में शिक्षा के मानक में और सुधार लाने और स्कूलों में बढिय़ा बुनियादी ढांचा उपलब्ध करवाने के लिए शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला की तरफ से स्मार्ट स्कूल बनाने के लिए आरंभ की गई मुहिम के तहत अब तक तकरीबन 6000 स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में बदल दिया गया है। इसके नतीजे के तौर पर इस साल सरकारी स्कूलों में दाखि़लों में 14.55 प्रतिशत का विस्तार हुआ है और प्राईवेट स्कूलों में पढ़ते तकरीबन 1 लाख 60 हज़ार विद्यार्थी हट कर सरकारी स्कूलों में दाखि़ल हुए हैं। साल 2019 में सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या 23,52,112 थी जो इस साल बढ़ कर 26,94,424 हो गई है।

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स्कूल शिक्षा विभाग के एक प्रवक्ता के अनुसार शिक्षा का स्तर ऊँचा उठाने के लिए श्री सिंगला ने अपने इस मनपसंद प्रोजैक्ट को लागू करने के लिए सितम्बर 2019 स्मार्ट स्कूल नीति की शुरूआत की थी जिसका मुख्य उद्देश्य स्कूलों के बुनियादी ढांचे को ऊंचा उठाना और शिक्षा क्षेत्र में इंकलाबी बदलाव लाना था। इस मुहिम के तहत एक साल में ही 6 हज़ार स्कूलों की शक्ल बदल दी गई है। प्रवक्ता के अनुसार स्मार्ट स्कूल बनाने की इस मुहिम में गाँव पंचायतें, विभिन्न नेता, भाईचारा, दानी सज्जन, स्कूल प्रबंधकीय कमेटी, प्रवासी भारतीयों और स्कूल के स्टाफ ने बहुमूल्य योगदान डाला है। स्कूलों के बुनियादी ढांचे में सुधार लाने के इच्छुक लोग इस मुहिम में हिस्सा डालने और सहयोग देने के लिए उत्साह के साथ आगे आए। शिक्षा विभाग ने अब इन व्यक्तियों का सम्मान करने का फ़ैसला किया है।

प्रवक्ता के अनुसार इस मुहिम के दौरान स्कूलों में कमरों, खेल मैदान, शिक्षा पार्क, साईंस लैबरोटरियों और शौचालयों की स्थिति में सुधार लाया गया है। इससे विद्यार्थियों की कारगुज़ारी में विस्तार हुआ है जिसका प्रगटावा इस साल सरकारी स्कूलों के आए नतीजों से स्पष्ट मिलता है। यह स्मार्ट स्कूल आम स्कूलों की अपेक्षा पूरी तरह अलग हैं। स्मार्ट स्कूल प्रौद्यौगिकी पर आधारित सीखने वाली संस्थाएं हैं जोकि विद्यार्थियों के समूचे विकास के अलावा समाज आधारित सूचना और ज्ञान के लिए बच्चों को तैयार करती हैं। हर स्मार्ट स्कूल के विद्यार्थी-अध्यापक अनुपात के अनुसार हर सैक्शन के लिए अलग क्लास रूम है। यह काफ़ी खुले, हवादार और हरे /सफ़ेद बोर्डों वाले हैं।

प्रवक्ता के अनुसार इन स्कूलों में लडक़े और लड़कियों के लिए अलग शौचालय और पूरे फर्नीचर की व्यवस्था को पहल दी गई है। प्रिंसिपल /हैडमास्टरों और स्टाफ रूम के लिए स्मार्ट स्कूलों में अलग कमरे मुहैया करवाने की व्यवस्था है। इसके अलावा साईंस लैबोरेटरियों, वोकेशनल लैबोरेटरियों, आई.सी.टी. लैबोरेटरियों आदि की भी सुविधा यकीनी बनाई गई है।

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