लोकल बॉडी के अर्बन डिवेल्पमेंट के ईओ आदर्श कुमार गिरफ्तार

कपूरथला (द स्टैलर न्यूज़) रिपोर्ट: गौरव मढिय़ा। फगवाड़ा नगर निगम में वर्ष 2016-17 में बतौर सहायक कमिशनर रहे आदर्श कुमार को उस समय अपनी ड्यटी में धांधली कर भ्रष्ट ढंग से कन्वेंस डीड के जरिए सरकारी प्रॉपर्टी अयोग्य लाभपात्रियों को ट्रांसफर करने के मामले में आरोपी पाए जाने पर मामला दर्ज कर विजीलेंस टीम ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया है। वर्तमान में आदर्श कुमार एग्जीक्यूटिव अधिकारी (ईओ) अर्बन डिवेल्पमेंट जालंधर के पद पर तैनात है।

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वर्ष 2016-17 में फगवाड़ा निगम में बतौर सहायक कमिश्रनर के दौरान डयूटी में कोताही बरतने पर मामला दर्ज
एसएसपी विजीलेंस ब्यूरो जालंधर रेंज दलजिंदर सिंह ढिल्लों के आदेशों पर डीएसपी विजीलेंस ब्यूरो यूनिट कपूरथला अश्वनी कुमार की देखरेख में की गई कार्रवाई सम्बन्धी विजीलेंस ब्यूरो सब यूनिट फगवाड़ा के इंस्पेक्टर पवन कुमार ने बताया कि विजीलेंस की जांच पड़ताल में सामने आया है कि 14 दिसंबर 2016 के पंजाब सरकार के नोटीफिकेशन अनुसार पंजाब म्यूनिस्पिल कार्पोंरेशन की रिहायशी व अन्य प्रॉपर्टीज के किराएदार/लाइसेंस होल्डरों को मालकी के हक दिए जाने थे। नोटीफिकेशन की शर्तें यह थी कि म्यूनिस्पिल कार्पोंरेशन की मालकी वाली जगह, रिहायशी प्रॉपर्टी का एरिया 150 वर्ग गज और अन्य प्रॉपर्टीज/दुकानों का एरिया 50 वर्ग गज तक हो और इन प्रॉपर्टीज पर बैठे किराएदारों/लाइसेंस होल्डरों/सबलेट के कब्जे का अरसा कम से कम 20 साल का हो तो उक्त लाभपात्री की दर्खास्त को उपरोक्त नोटीफिकेशन अनुसार मालकी के हक दिए जाने के लिए विचार किया जा सकता है। लेकिन जिस आवेदनकर्ता ने नगर निगम की प्रॉपर्टी पर कब्जा किया हो, उसे मालकी के हक नहीं दिए जा सकते थे। नगर निगम फगवाड़ा अधीन आते एरिया में इस नोटीफिकेशन सबंधी पड़ताल के लिए एक कमेटी बनाई गई थी। जिसमें नगर निगम फगवाड़ा के उस समय सहायक कमिशनर रहे आदर्श कुमार को समर्थ अधिकारी लगाया गया था।
नगर निगम फगवाड़ा की विजीलेंस ब्यूरो द्वारा की गई पड़ताल से नगर निगम फगवाड़ा के सहायक कमिशनर आदर्श कुमार की ओर से म्यूनिस्पिल कार्पोंरेशन फगवाड़ा में तैनाती दौरान कार्पोंरेशन फगवाड़ा की 49 अलग-अलग प्रॉपर्टीज, जिनमें बहुत सी कमर्शियल थी, के किराएदारों/लाइसेंस होल्डरों को सरकारी शर्तों मुताबिक आयोग्य होते हुए भी 49 कमर्शियल साईट वाले आयोग्य लाभपात्रियों को लैटर ऑफ इंटेंट जारी करते हुए कथित तौर से सर्टीफिकेट जारी कर दिया, जिसके आधार पर मार्च 2017 तक उक्त 49 लाभपात्रियों को साजबाज होकर भ्रष्ट तरीके से कन्वेंस डीड भी जारी कर दी थी। ऐसा करके आदर्श कुमार ने बतौर पब्लिक सर्वेंट होते हुए अपनी ड्यूटी बेइमानी व गलत ढंग से अन-उचित लाभ/रिश्वत लेने की कोशिश में निभाई है और आयोग्य लाभपात्रियों को रिश्वत देने के लिए उकसाया है और सरकार की निर्धारित पालिसी की शर्तों की उल्लघंना करके आयोग्य लाभपात्रियों को अन-उचित लाभ देना व सरकार को वित्तीय नुक्सान पहुंचाने की कोशिश की है। जिस सबंधी आदर्श कुमार के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है।

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