जालंधर(द स्टैलर न्यूज़)।भारत में हाकी के खेल जी एपेक्स संगठन हाकी इंडिया ने पंजाब हाकी के चुनावों में हुई धांधली का कड़ा संज्ञान लेते हुए सख्त करवाई करने पर पंजाब हाकी के अध्यक्ष और पंजाब के खेल मंत्री ओलंपियन परगट सिंह को बड़ा झटका लगा है।
हॉकी पंजाब और पंजाब खेल विभाग में पैर पसार चुके “खेल माफिया” के खिलाफ बतौर स्पोर्ट्स व्हिसलब्लोअर के रूप में लामबंद हुए इकबाल सिंह संधू ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि हॉकी पंजाब के पदाधिकारियों के चुनाव में हॉकी पंजाब द्वारा की गई अनियमितताओं का हॉकी इंडिया ने कड़ा संज्ञान लिया लेते हुए हॉकी पंजाब को निलंबित कर दिया गया है।
सुरजीत हॉकी सोसाइटी के पिछले 38 वर्ष तक रहे महासचिव संधू ने आगे कहा कि हॉकी इंडिया ने पंजाब के खिलाड़ियों के हितों को ध्यान में रखते हुए दिन-प्रतिदिन के काम के लिए तीन सदस्यीय एडहॉक समिति का गठन किया है जिस में भोला नाथ सिंह, ओलंपियन बलविंदर सिंह शम्मी और कमांडर आर.के. श्रीवास्तव को क्रमश: अध्यक्ष, सदस्य और संयोजक नियुक्त किया गया है।
वर्णनीय है कि हाकी ओलंपियन से राजनेता बने परगट सिंह ने निदेशक खेल पंजाब होते हुए पहली बार साल 2009 में अकाली दल के अध्यक्ष तथा उप मुख्य मंत्री सुखबीर सिंह बादल के साथ मिलकर “हॉकी पंजाब” नामक एक नई हाकी संस्था की स्थापना करके उनको अध्यक्ष और आप महासचिव बनेथे ।पंजाब हाकी का नियंत्रण अक्टूबर 2009 तक पंजाब पुलिस के पास रहा और डी.जी.पी. पंजाब इसके हमेशा अध्यक्ष हुआ करते थे ।संधू ने आगे कहा कि 2017 में अकाली सरकार के जाने के बाद ओलंपियन परगट सिंह ने कांग्रेस से हाथ मिलाकर पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को अध्यक्ष पद से हटाकर स्थानीय व्यवसायी नितिन कोहली को अध्यक्ष नियुक्त किया था । इस के बाद यह दोनों बारी-बारी से आपसी पद बदलते रहे हैं।
पूर्व पी.सी.एस. अधिकारी रहे संधू के मुताबिक, हॉकी इंडिया के इस ऐतिहासिक फैसले से पंजाब के सभी हॉकी खिलाड़ियों और उनके पैरेंट्स में खुशी की लहर दौड़ गई है और उन्हें उम्मीद है कि हॉकी इंडिया ने जैसे हॉकी पंजाब के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है वैसे ही जिला स्तरीय हॉकी एसोसिएशन भी करवाई जिन्होंने कभी जिला हॉकी एसोसिएशन का चुनाव नहीं किया है और उन्होंने कभी सब-जूनियर, जूनियर और सीनियर श्रेणियों में जिला चैंपियनशिप आयोजित ना करके उभरते खिलाड़ियों के भविष्य को खतरे