आग बुझाते हुए घायल हुए कर्मचारी की प्रशानस और निगम द्वारा सुध न लेना दुख की बात: लक्ष्मीकांता चावला

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अमृतसर (द स्टैलर न्यूज़)। भाजपा की वरिष्ठ नेत्री लक्ष्मी कांता चावला ने आग बुझाते समय झुलसे कर्मचारी की सार न लेने संबंधी जिलाधीश अमृतसर हरप्रीत सिंह सूदन और निगम कमिशनर संदीप रिषी को पत्र लिखकर कर्मचारी की सुध लेने की अपील की है। पत्र में लक्ष्मी कांता चावला ने लिखा है कि पांच दिन पहले शुक्रवार को अमृतसर के इस्लामाबाद क्षेत्र में आग लगी थी।

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सेवा सोसाइटी फायर ब्रिगेड ढाब वस्ती राम के वालंटियर्स ने हमेशा की तरह आग बुझाने के लिए हिम्मत से काम किया, लेकिन आग बुझाते समय चार कर्मचारी झुलस गए। मेरी जानकारी के अनुसार इन कर्मचारियों का न तो नगर निगम और जिला प्रशासन ने इलाज करवाया, न उन्हें कोई आर्थिक सहायता अथवा यह कहिए कि कोई सम्मान सेवा राशि दी गई। दो दिन अस्पताल में रहकर वे घरों में पहुंच गए हैं।

आप जानते ही हैं कि एक बार जो व्यक्ति आग में झुलस गया उसका इलाज कितना लंबा और कितना खर्चीला होता है। आप यह भी जानते हैं कि शहर में अग्निशमन सेवा देना नगर निगम का काम है। यह तो हमारे शहर का सौभाग्य है कि लगभग 100 वर्ष से सेवा सोसाइटी बहुत प्रभावी ढंग से सेवा दे रही है।

उन्होंने नगर निगम और जिला प्रशासन से प्रश्न किया है कि अभी तक आग बुझाते समय घायल हुए युवकों की देखभाल सरकार ने क्यों नहीं की? इनको आधे अधूरे इलाज के साथ ही घरों में वापस क्यों जाना पड़ा? इन वालंटियर्स को सरकार की ओर से आर्थिक मदद अभी तक क्यों नहीं दी गई? जहां तक वे जानती हूं कि अभी प्रशासन का कोई अधिकारी भी अस्पताल में और इनके घरों में इनकी खोज खबर लेने नहीं गया। मंत्री जी अवश्य गए, पर उन्होंने भी कमिश्नर के पास जाने का ही परामर्श दिया।

नगर निगम और जिला प्रशासन अपनी जिम्मेवारी संभालें और निस्वार्थ, निशुल्क आग बुझाने की सेवा कर रही सेवा सोसाइटी फायर ब्रिगेड की भी सहायता करे और इन वालंटियर्स को भी मुफ्त इलाज और आर्थिक सहायता दे। मैं यह याद करवाना चाहती हूं कि ये वालंटियर्स कोई बहुत रईस घरानों के नहीं हैं। मेहनती लडक़े हैं और सेवा भाव से सेवा कर रहे हैं। अफसोस यह है कि प्रशासन और निगम दोनों ने ही अपनी ड्यूटी पूरी नहीं की।

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