अमृतसर (द स्टैलर न्यूज़)। भाजपा की वरिष्ठ नेत्री व पूर्व मंत्री लक्ष्मी कांता चावला ने राष्ट्रपति के नाम पत्र लिखाकर महिलाओं के सम्मान की रक्षा की बात कही है। उन्होंने कहा कि हमें इस बात का गर्व है कि हमारी एक बहन भारत की बेटी आज भारत की राष्ट्रपति है। आपसे यह अवश्य आशा रखते हैं कि मीडिया में, इंटरनेट में, विज्ञापनों में और फिल्मों में महिलाओं का केवल कामुकता बढ़ाने वाला रूप न दिखाया जाए। आप जानते हैं कि देश में ऐसा कानून भी है कि जो महिलाओं का अश्लील रूप से किसी भी प्रकार से चित्रण करेगा उन्हें भारी सजा मिलेगी। मेरी जानकारी के अनुसार सात वर्ष तक के दंड का प्रावधान है, जुर्माना भी पर यह देश का दुर्भाग्य कहें या आपराधिक लापरवाही कि महिलाअेां की सरेआम नग्न चित्र बनाने, दिखाने वाले बहुत हैं, पर आज तक एक भी केस इस धारा के अंतर्गत दर्ज नहीं किया गया। आजकल पठान फिल्म चर्चा में है। फिल्म में क्या है मैं ज्यादा नहीं जानती, पर टीवी चैनलों पर उसका जो एक गीत दिखाया जा रहा है वहां एक दर्जन से ज्यादा लड़कियां जितने थोड़े कपड़ों में हैं, उसे लगभग नग्न कहा जा सकता है, पर देश के कुछ अभिनेता और नेता इसको सही ठहरा रहे हैं।
मुझे आश्चर्य है कि श्री फारूख अब्दुल्ला जैसे नेता ने कह दिया कि बदलते समय के साथ बदलिए, पर उन्होंने कभी यह नहीं कहा कि बुर्का, घूंघट, हिजाब भी बदलते समय के साथ बंद होना चाहिए। लंबे—लंबे घूंघट अपने घर की बहू बेटियों से निकलवाने वाले भी ऐसी अद्र्धनग्न फोटो देखने, बनाने, दिखाने में संकोच नहीं करते। मेरी आपसे यह प्रार्थना है कि आप इस ओर निजी ध्यान दें। आपके राष्ट्रपति रहते हुए महिलाओं का अश्लील चित्रण न किया जाए यह सुनिश्चित करें। आज जब देश की एक बेटी राष्ट्रपति है, सेना के उच्च पदों में है, राफेल उड़ाकर दुश्मनों को डरा रही है, खेल के मैदान में धूम मचा रही है उस वातावरण में लड़कियों को केवल कामिनी रूप में दिखाना उनकी नग्नता दिखाकर नोट कमाना क्या उचित है? जहां तक मैं जानती हूं कि मध्ययुगीन मानसिकता भी ऐसी नहीं थी। वे जो अश्लीलता फैलाने वाले काम करते थे वे बंद कमरों में होते थे। यहां तो पूरी दुनिया को दिखाया जा रहा है। आप इसे बंद करवाइए और कठोर कानूनी कार्यवाही इनके विरुद्ध करने का आदेश दें।