हमीरपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: रजनीश शर्मा। रविवार को एनएच निर्माण कंपनी द्वारा दरकोटी में पेयजल स्त्रोत में मलबा फेंकने से लोग विरोध पर उतर आए। उन्होंने काम को रुकवा दिया। विरोध बढ़ते देख साइट इंजीनियर सुशील कुमार मौके पर पहुंचे और लोगों को समझा कर शांत किया। गौरतलब है कि हमीरपुर-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच तीन की खुदाई के दौरान निर्माण कंपनी द्वारा की जा रही मनमर्जी रुकने का नाम नहीं ले रही है। सबसे ज्यादा पीड़ित ठाणा दारोगन से दरकोटी क्षेत्र तक के लोग हो रहे हैं।
हमीरपुर से मंडी डबल लेन हरित एनएच का निर्माण इस समय कोट से लेकर पाडछू तक चला हुआ है। टौणीदेवी तहसील के तहत ठाणा दारोगन में पहले रास्तों को लेकर लोगों का आक्रोश सामने आया। इसके बाद डबल लेन एनएच पर कथित टोल प्लाजा लगाए जाने को लेकर सवाल उठे। इसके बाद निर्माण कंपनी द्वारा अधिगृहीत की गई जमीन पर लगाई बुर्जियों को दरकिनार कर आगे कटाई करने पर लोग बिफर गए हैं। इसके अलावा पीपल और बड़ के पुराने पेड़ों को काटने से भी लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है।
रविवार को दरकोटी में लोगों के विरोध के बाद एनएच की तरफ से साइट इंजीनियर सुशील कुमार मौके पर पहुंचे। वह विवाद को शांत करते नजर आए। एक्स उपप्रधान अजय चौहान हरनाम सिंह कुलदीप सिंह अजय शर्मा संतोष कुमार,राजीव, बलवंत चौहान शक्ति चंद , संजीव कुमार, कुंता देवी कमला देवी देशराज कतना, बक्शी राम मदनलाल, दिनेश कुमार आदि ने कहा कि एनएच निर्माण कंपनी की मनमर्जी से लोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। देश राज कतना ने कहा कि वह पूर्व सैनिक हैं और एनएच निर्माण के लिए दी जा रही जमीन का अभी मुआवजा नहीं मिला है क्योंकि जमीन की तकसीम का केस पेंडिंग चला हुआ है। उन्होंने कहा कि दरकोटी में करीब 250 साल पुरानी पानी की बावड़ी को एनएच निर्माण कंपनी ने मलबे से भर दिया है। वहीं साइट इंजीनियर सुशील कुमार ने कहा कि निर्माण कंपनी को पेयजल स्त्रोत बचाने के लिए आदेश दिए गए हैं। कंपनी का निर्माण कार्य जारी है।