राजनैतिक पार्टियाँ अब अपने वित्तीय खातों सम्बन्धी जानकारी ऑनलाइन भर सकेंगी: सिबिन सी

चंडीगढ़, (द स्टैलर न्यूज़)। राजनैतिक पार्टियाँ अब निर्वाचन आयोग के पास अपने वित्तीय खाते ऑनलाइन दायर कर सकेंगी। इस पहल के अंतर्गत नया वेब- पोर्टल (https://iems.eci.gov.in/) शुरू किया गया है जिस पर राजनैतिक पार्टियों की तरफ से दिए योगदान की रिपोर्ट, ऑडिट किये सालाना खाते और चुनाव खर्चे सम्बन्धित जानकारी ऑनलाइन दायर की जा सकती है। जन प्रतिनिधित्व एक्ट, 1951 और आयोग द्वारा पिछले सालों के दौरान समय-समय पर जारी पारदर्शिता सम्बन्धी दिशा- निर्देशों के मुताबिक यह वित्तीय स्टेटमैंटें राजनैतिक पार्टियों की तरफ से निर्वाचन आयोग/राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के पास जमा करवानी ज़रूरी हैं।

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इस सम्बन्धी विवरणों का खुलासा करते हुये सीईओ पंजाब सिबिन सी ने बताया कि सभी राजनैतिक पार्टियों को संबोधित एक पत्र में, ई. सी. आई. ने बताया है कि यह सुविधा दोहरे उद्देश्य के लिए शुरू की गई हैः पहला यह ही कि रिपोर्टों को फिजिकल रूप में दायर करने में आती मुश्किलों को दूर करने में और दूसरा यह कि निर्धारित फारमैटों में वित्तीय स्टेटमैंटों को समय पर दायर करना यकीनी बनाने के लिए राजनैतिक पार्टियों को सहायता प्रदान करना। डाटा की ऑनलाइन उपलब्धता से पारदर्शिता बढ़ेगी और नियमों की समय पर पालना को यकीनी बनाया जा सकेगा।

पत्र में, ई. सी. आई. ने राजनैतिक पार्टियों की निर्णायक स्थिति का हवाला देते हुये इस बात पर ज़ोर दिया कि लोकतंत्रीय कामकाज और चुनाव प्रक्रियाओं, ख़ास कर वित्तीय खुलासों में पारदर्शिता के सिद्धांतों की पालना करना उनकी ज़िम्मेदारी है। अॅानलाईन पोर्टल में राजनैतिक पार्टी के अधिकृत प्रतिनिधियों के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और रजिस्टर्ड ईमेलों पर सन्देशों के रूप में रिमाईंडर भेजने की सुविधा भी है जिससे समय पर पालना को यकीनी बनाया जा सके। ग्राफीकल रीप्रैज़ैंटेशन के साथ एक व्यापक गायडिंग मैनुअल और हाल ही पूछे सवाल ( एफ. ए. क्यूज.) भी राजनैतिक पार्टियों को भेजे गए हैं जिनमें ऑनलाइन माड्यूल और ऑनलाइन रिपोर्टों दायर करने की प्रक्रिया संबंधी विस्तृत जानकारी दी गई है।

उन्होंने आगे बताया कि ऑनलाइन फाईलिंग सम्बन्धी और जानकारी देने के लिए ई. सी. आई. विभिन्न राजनैतिक पार्टियों के मनोनीत व्यक्तियों के लिए एक प्रशिक्षण प्रोग्राम भी आयोजित करेगा। जो राजनैतिक पार्टियाँ ऑनलाइन मोड के द्वारा वित्तीय रिपोर्ट दायर नहीं करना चाहतीं हैं, उनको ऑनलाईन फाइल न करने के कारणों के बारे लिखित रूप में आयोग को बताना होगा और वह अपनी रिपोर्टों को निर्धारित फारमैटों में सीडी/ पेन ड्राइव के साथ हार्ड कापी में फाइल करना जारी रख सकती हैं। आयोग ऐसी सभी रिपोर्टों को पार्टी द्वारा वित्तीय स्टेटमैंटें ऑनलाइन दायर न करने के लिए भेजे गए औचित्य पत्र के साथ ऑनलाइन प्रकाशित करेगा।

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