जौड़ामाजरा द्वारा सस्ती रेत-बजरी मुहैया कराने, ग़ैर-कानूनी माइनिंग रोकने और पराली का निपटारा यकीनी बनाने का प्रण

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब के खनन और भू-विज्ञान मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा द्वारा राज्य निवासियों को सस्ती दरों पर रेत-बजरी मिलना यकीनी बनाने, ग़ैर-कानूनी माइनिंग को रोकने और राज्य को प्रदूषण-मुक्त करने के लिए पराली का निपटारा यकीनी बनाने के लिए आज क्रशर मालिकों, माइनिंग ठेकेदारों और भट्टा मालिकों के साथ पंजाब भवन में अलग-अलग आपात मीटिंगें की गईं।

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इस दौरान कैबिनेट मंत्री ने दोहराया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार राज्य को प्रदूषण-मुक्त बनाने ने साथ-साथ माइनिंग सैक्टर में पारदर्शिता और नैतिक अभ्यासों को कायम रखने के लिए वचनबद्ध है, इसलिए भट्टा मालिक व क्रशर मालिक और माइनिंग ठेकेदार सरकार के इस कदम में भरपूर सहयोग दें।

उन्होंने भट्टा मालिकों से अपील की कि राज्य में पराली का निपटारा करना बड़ा मुद्दा है। इसलिए राज्य को प्रदूषण-मुक्त करने के उद्यमों के अंतर्गत भट्टा मालिक कम से कम 20 प्रतिशत पराली अपने भट्टों में बरतें। उन्होंने कहा कि जल्दी ही हिस्सेदार विभागों जैसे पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, वातावरण विभाग और भट्टा मालिकों के साथ मीटिंग करके इस सम्बन्धी अगली कार्यवाही बनाई जाएगी।

कैबिनेट मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने भट्टा मालिकों को आश्वासन दिया कि उनके द्वारा 2 हेक्टेयर तक मिट्टी खोदने की अनुमति देने की रखी गई मुख्य मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा और उनकी लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करने के लिए जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।

जौड़ामाजरा ने माइनिंग ठेकेदारों के साथ मीटिंग के दौरान पारदर्शी और साफ़-सुथरे ढंग से काम करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि माइनिंग ठेकेदार कानूनी तरीके से खनन गतिविधियां कर रहे हैं, इसलिए प्रशासनिक अमले के द्वारा उनको पूरी मदद मुहैया करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने ग़ैर-कानूनी माइनिंग के विरुद्ध मुहिम शुरु की हुई है जिससे कानूनी ढंग से माइनिंग कर रहे ठेकेदारों को निरंतर फ़ायदा होना तय है। इस दौरान माइनिंग ठेकेदारों द्वारा खनन के लिए पौकलेन मशीनें बरतने की माँग पर मंत्री ने कहा कि इस माँग सम्बन्धी हमदर्दी से विचार किया जाएगा।

इसी तरह क्रशर मालिकों के साथ मीटिंग के दौरान कैबिनेट मंत्री ने उनकी समस्याएं सुनी। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों को किफ़ायती दरों पर रेत-बजरी मुहैया कराने के लिए और क्रशर कारोबार को उत्साहित करने के लिए अलग-अलग राज्यों की नीतियाँ को जाँचेगी। क्रशर मालिकों की खनन स्थलों को लीज़ पर देने की मांग पर कैबिनेट मंत्री ने कहा कि इस पर विचार किया जाएगा और जल्द ही उचित निर्णय लिया जाएगा।

बता दें कि बीते कल चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने खनन विभाग के अधिकारियों के साथ मीटिंग करके मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सोच मुताबिक राज्य निवासियों को सस्ते भाव पर रेत-बजरी मुहैया कराने के लिए निकासी बढ़ाने सम्बन्धी योजना बनाने के लिए कहा था। उन्होंने ज़िला सर्वेक्षण रिपोर्टों में अन्य संभावित साईटों को शामिल करके एवं सभी माइनिंग साईटों पर कार्यवाहियां शुरू करके और खनिजों की निकासी को बढ़ाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया जिससे बाज़ार में रेत और बजरी की उपलब्धता बढ़ना, कीमतें घटाने में मदद मिलना और ग़ैर- कानूनी माइनिंग पर नकेल डालना यकीनी बनेगा।

उन्होंने सभी ज़िला माइनिंग अफ़सरों को अपने फर्ज इमानदारी के साथ निभाने की ताकिद करते हुए कहा था कि ग़ैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल पाये गए किसी भी अधिकारी या मुलाज़िम को बक्शा नहीं जाएगा।

मीटिंग के दौरान खनन और भू-विज्ञान विभाग के डायरैक्टर अभिजीत कपलिश, चीफ़ इंजीनियर (माइनिंग) स. हरदीप सिंह महिन्दीरत्ता और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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