दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा पांच दिवसीय श्री राम कथा का आयोजन 

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा पांच दिवसीय श्री राम कथा का आयोजन श्री केशो मंदिर, होशियारपुर में किया गया। पहले दिन की कथा का वाचन करते हुए साध्वी प्रज्ञाचक्षु शचि भारती जी ने कहा। श्री राम कथा की पावन पयस्विनी जन-जन को प्रेम सुधा से आप्लावित करती है। यह माया व विकारों के अंधेरे में भटक रहे मानव को भक्ति का उज्जवल पथ दिखला कर उसके शुष्क हृदय में संवेदनाओं और भावनाओं का संचार करने में भी सक्षम है।कथा प्रसंगों के विलक्षण रहस्यों को आध्यात्मिक रहस्यों सहित प्रस्तुत करते हुए दिए। श्री राम कथा के प्रथम दिवस में साध्वी जी ने कथा का वाचन करते हुए कहा कि ईश्वरीय महिमा से ओतप्रोत प्रभु की कथा सदैव जन-जन का कल्याण करती है और जन-मानस को जन-कल्याण के मार्ग पर अग्रसर होने की प्रेरणा भी देती है। हमारे भारतवर्ष में सदा से परकल्याण की भावना प्रधान रही है।

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ईश्वर के सभी अवतारों या ऋषियों-मनीषियों ने यूँ तो अनेकों महान कार्य किए लेकिन अगर उनके कार्यों में साम्य देखा जाए तो सभी ने स्वयं साधनस्थ रह कर परमार्थ किया। मर्यादा पुरुषोतम श्री राम जी ने कंटकाकीर्ण वन पथ का चयन इस लिए किया ताकि अधर्म का समूल नाश कर सभी के जीवन में सुख व समृद्धि के पुष्प खिलाए जाएं। भूतभावन भगवान भोलेनाथ ने जन-जन के रक्षण हेतु सागर से निकले विष को कण्ठस्त कर लिया। कहीं विवेकानन्द तो कहीं रामतीर्थ जी, कहीं वर्धमान तो कहीं राजा शिबि, कहीं दधिचि ऋषि तो कहीं भर्तृहरि जी इसी परकल्याण रूपी मणिका के समुज्जवल मोती हैं जिन्होंने स्वयं परहित हेतु अपने जीवन के सुखों का त्याग कर दिया और मानव के आगे एक प्रेरणा स्रोत बन गए। अर्वाचीन समाज में आवश्यकता है कि मानव इन महान विभूतियों को आदर्श बना कर इनसेे शिक्षा ग्रहण करें।

क्योंकि आज घोर कलिकाल के प्रभाव के कारण प्रेम, भावनाओं व संवेदनाओं से रहित मानव का हृदय शुष्क हो चुका है। आपाधापी भरे जीवन में सभी केवल अपने लिए जीते हैं। लेकिन शास्त्र कहते हैं कि मानव तो वह है जो औरों के लिए जीए। अपने दु:ख में तो सभी गमगीन हो ही जाते हैं लेकिन सच्चा मानव तो वह है जो दूसरों के दु:ख देखकर द्रवित हो उठे। जो दूसरों की भलाई के लिए अपने सुखों का त्याग कर दे। पहले दिन की कथा में श्री राम जन्म उत्सव मनाया गयाl कथा  में संस्थान की ओर से अन्य साध्वियाँ और संत समाज भी अपने वाद्य वृंद समूह के साथ विशेष रुप से पधारे हैं। इस भव्य कथा को राम चरित मानस की सुमधुर चौपाईयों के गायन और समस्त धार्मिक ग्रन्थों के समन्वय से प्रस्तुत किया जा रहा है।

कथा का समापन प्रभु की पावन आरती से हुआ आरती में विशेष रूप से स्वामी सज्जनानंद जी, पवन आदिया भूतपूर्व विधायक ,संदीप सैनी चेयरमैन बी सी लैंड डेवलपमेंट और फाइनेंस, आशीष सरीन हिज एक्सीलेंस इंस्टीट्यूट, अजय वर्मा मैंबर पंजाब स्कूल एजुकेशन पंजाब राजेश गुप्ता, भारत भूषण वर्मा, तिलक राज गुप्ता, एडवोकेट नवीन जैरथ, सेठ नवदीप अग्रवाल,   सुनील दत्त पराशर, प्रो. चंद्र कांता, सतीश सिल्ली, रवि सैनी, वैद सुमन सूद, हरीश खोसला, राजीव महाजन, नरिंदर परसा, हरीश कुमार, राजीव शर्मा, अभिषेक, रोहित शर्मा, पंकज बेदी, परवीन गुप्ता, विकास शर्मा, पुनीत शर्मा, रवीन्द्र कुमार दत्ता, निपुण पराशर, रोहित शर्मा स्वदेशी जागृति मंच से व भारी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।

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