भगवान को पाना हो तो संतों और रसिकों का संग करें:अतुल कृष्ण

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़) श्री नंद अन्नपूर्णा मंदिर चैरीटेबल सोसायटी की तरफ से मंदिर परिसर एकता नगर में आयोजित किए जा रहे श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के सातवें दिन दिन आचार्य राजिंदर प्रसाद जी हरिद्वार वालों ने मंत्रोच्चारण के साथ हवन यज्ञ प्रारंभ किया और इस दौरान पंडित रमेश जोशी व उनकी धर्मपत्नी ने मुख्य यजमान के तौर पर उपस्थित होकर यज्ञ में आहुति डाली।

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श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के सातवें दिन पंडिच रमेश व उनकी पत्नी ने डाली आहुतियां

सायं की सभा में कथा करते हुए अतुल कृष्ण शास्त्री ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण का बृज धाम में अवतरित होने का एक विशेष कारण यह भी रहा कि प्रभु ने संदेश दिया है कि यह जो प्रकृति है वह ईश्वर का ही अंग है और यह गोवर्धन पर्वत भी प्रकृति का ही एक स्वरुप है। जिस प्रकार भगवान ने रिगिराज गोवर्धन पर्वत की पूजा करके प्रकृति की रक्षा का संदेश दिया है। उसी प्रकार हमें भी प्रकृति की रक्षा हेतु आगे आना चाहिए तथा सफाई को जीवन का अभिन्न अंग बनाना चाहिए।

कथा को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि हमें सदैव संतों, वैष्णवों और रसिकों का संग करना चाहिए, क्योंकि इनकी संगती हमारी अध्यात्मिकता को बल प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि भगवान का भी यही कथन है कि मुझे प्राप्त करना है तो संतों व रसिकों का संग करो। इस दौरान भगवान के विवाह की सुन्दर झांकी भी पेश की गई।

इस मौके पर तहसीलदार अरविंद प्रकाश वर्मा, सुषमा रमेश अग्रवाल, तरसेम मोदगिल, अशोक कुमार, राजीव शर्मा, सोवन सिंह, ठाकुर राम देव, ऊषा शर्मा, जगदीश, संजीव अरोड़ा, अश्विनी गैंद, जगदीश हरजाई, नील कमल मोदगिल, दविंदर वालिया (गुरु जी), विकास सिंगला, प्रेम लता, आशा भल्ला, इंद्रा रानी, रेवा पुरी, रेनू वर्मा, गोदनी, मधु, व आशा रानी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण की। आरती उपरांत भंडारा रुपी प्रसाद वितरण किया गया।

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