होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब सरकार द्वारा पंजाब सिविल मैडीकल सर्विसज (पी.सी.एम.एस.) के तहत 306 डाक्टरों की भर्ती 3 साल के लिए बेसिक-पे पर करने के फैसले को सीनियर रिटायर्ड पी.सी.एम.एस. एसोसिएशन की तरफ से दुर्भाग्यपूर्ण एवं जनता की हित के खिलाफ बताया गया है।
एसोसिएशन के संयोजक पूर्व सिविल सर्जन डा. अजय बग्गा व डा. कौशल सिंह सैनी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को सार्वजनिक क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए डाक्टरों की जरुरत है। हालांकि लोक सेवा आयोग द्वारा भर्ती के लिए निकाले गए विज्ञापन में पी.सी.एम.एस. के प्रति डाक्टरों को आकर्षित नहीं किया गया है बल्कि विज्ञापन में यह बताया गया है कि चयनित डाक्टरों को 3 साल के प्रोबेशनल पीरियड में मात्र बेसिक-पे मिलेगी व उसमें भत्ते व ग्रेड वेतन शामिल नहीं होगा। ऐसे में डाक्टरों में स्वास्थ्य विभाग में भर्ती होने की रुचि कम रहेगी तथा विभाग जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने में भी असमर्थ रहेगा।
उन्होंने कहा कि वित्त विभाग की तरफ से शायद स्वस्थ्य विभाग की सिफारिशों पर ध्यान नहीं दिया गया, जिसमें उसने पूरे वेतन पर डाक्टरों की भर्ती की बात कही थी। उन्होंने कहा कि सरकार को पूरे वेतन पर माहिर डाक्टरों की भर्ती करनी चाहिए ताकि हर जिले में विशेषज्ञ डाक्टर हों। डा. बग्गा व डा. सैनी ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह से अपील की कि वे व्यक्तिगत रुप से इस मामले पर ध्यान दें और वित्त विभाग को डाक्टरों की भर्ती पूरे वेतन पर करने के निर्देश जारी करें।