डा. अजय बग्गा ने पहले किया रक्तदान, फिर संभाला पठानकोट में सिविल सर्जन का पदभार

dr. baggaहोशियारपुर/पठानकोट। डिप्टी मैडिकल कमिशनर के पद से पदोन्नत होने उपरांत आज डा. अजय बग्गा ने बतौर सिविल सर्जन पठानकोट का पदभार संभाला। अपने पद पर आसीन होने से पहले डा. अजय बग्गा ने रक्तदान करके समाज के समक्ष एक मिसाल पैदा की। डा. अजय बग्गा का मानना है कि रक्तदान राष्ट्रीय एकता, संप्रदायिक सदभाव और आपसी प्रेम व भाईचारे को सुदृढ़ करने का सर्वोत्तम माध्यम है। पंजाब के काले दिनों में दो जून 1984 को दहशतगर्दो ने उनके पिता पूर्व विधायक व प्रिंसीपल ओम प्रकाश बग्गा को गोलियों से छलनी कर दिया था, उस समय अजय बग्गा होशियारपुर सिविल अस्पताल में एम.बी.बी.एस. के बाद इंटरशिप कर रहे थे। पिता को ही अपना आर्दश मानने वाले अजय बग्गा ने खून से लथपथ पिता के पार्थिव शव को देखा तो वह विचलित नहीं हुए, बल्कि पिता से मिली समाज सेवा की नसीहत पर चलना ही अपना धर्म समझा। 1984 में ही उन्होंने दिल में जिद ठान ली कि अब रक्त को यंू ही व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा। इसी जज्बात से अभीभूत हो डा. अजय बग्गा ने रक्तदान अभियान को बढ़ावा देने के लिए सैमीनारों का आयोजन कर लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करना शुरू कर दिया। लोगों को सीख देने से पहले डा. बग्गा ने पहले स्वयं रक्तदान शुरू किया। बाद में उन्होंने अपने जन्मदिन और शादी की वर्षगांठ पर भी रक्तदान करना शुरू कर दिया। डा. बग्गा का मानना है कि रक्त गलियों व सडक़ो पर बहने की अपेक्षा मनुष्य को दान करना चाहिए ताकि रक्त के अभाव के अस्पताल में दाखिल मरीज की बूझ रही जिंदगी को जगमगाने में सहायता प्रदान की जा सके।

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समाज के समक्ष पेश की है एक और मिसाल, परंपरिक पंरपराओं को तोड़ नई रीत का किया है शुभारंभ

दस साल पहले डा. अजय बग्गा और उनकी पत्नी ने तत्कालीन जिला व सैशन जज जीके राय के समक्ष सैमीनार दौरान प्रण लिया कि उनकी मृत्यु के बाद उन्हें मुखाग्नि उनकी बड़ी संतान लडक़ी ही दे। उन्होंने बताया कि वर्तमान भारतीय समाज में लड़कियों के प्रति भेदभाव मिटाने के लिए धार्मिक गुरूओं को भी इस दिशा में लोगों को पे्ररित करना चाहिए कि मुखाग्नि देेने का अधिकार बड़ी संतान को हो चाहे वह लडक़ी ही क्यों न हो।

कई बार सम्मानित हो चुके हैं डा. बग्गा

रक्तदान, समाज सेवा, कन्या भू्रण, अंगदान आदि के क्षेत्रों में उल्लेखनीय भूमिका निभाने वाले डा. बग्गा को पंजाब सरकार की और से 1998 व 2005 में प्रशंसा पत्र, रेडक्रास सोसायटी की और से 2007 में राज्यपाल जनरल एस.एफ. रोडरिगस के हाथों स्टेट अवार्ड, स्वास्श्य विभाग पंजाब सरकार की ओर से 2006, 07 व 08 में प्रंशसा पत्र, 2006 में इंडियन सोसायटी आफ ब्लड ट्रंासफ्यूजन कोटा की तरफ से अहमदाबाद में सम्मानित किया जा चुका है।
स्टाफ और जनता के सहयोग से लागू की जाएंगी सरकारी योजनाएं

बतौर सिविल सर्जन पठानकोट पदभार संभालने उपरांत डा. बग्गा ने कहा कि सभी को साथ लेकर चलना और स्टाफ एवं जनता के सहयोग से सरकार की समस्त भलाई एवं स्वास्थ्य योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी कर्मचारी के लिए उसके कार्य से बढक़र कोई चीज नहीं होनी चाहिए और कर्म को धर्म मान कर अपना कार्य पूरी ईमानदारी से करना चाहिए।

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