होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। दस साल से ठेके पर काम कर रहे एस.एस.ए./रमसा अध्यापकों की सेवाएं शिक्षा विभाग में रेगुलर करने का कैबिनेट का फैसला क्या आया, इसके उपरांत इन अध्यापकों का गुस्सा सातवें आसमान पर जा पहुंचा। इसका कारण था कि कैबिनेट के फैसले अनुसार इन्हें शिक्षा विभाग में रेगुलर तो किया जाएगा, मगर इनके मौजूदा वेतन में 65 प्रतिशत की कटौती और पिछले सालों की सर्विस को गिना नहीं जाएगा। सरकार के इस फैसले से नाराज अध्यापकों ने होशियारपुर में कैबिनेट मंत्री सुन्दर शाम अरोड़ा के निवास के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया और पंजाब सरकार का पुतला जलाया। अध्यापकों का कहना है कि सरकार ने उनके सुनहरी भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है तथा उनके समक्ष भूखों मरने जैसे हालात बना दिए हैं। चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अध्यापकों को सभी लाभों के साथ ठेके से विभाग में रेगुलर करने का वायदा किया था। परन्तु अब पिछले लगभग 10-10 सालों की सेवाओं को दरकिनार करते हुए उनके वेतन में 65 प्रतिशत का कट लगाकर सरकार ने उनके साथ धोखा किया है। इसके रोष स्वरुप पंजाब भर में सरकार के विधायकों और मंत्रियों के घरों के समक्ष प्रदर्शन किए गए हैं तथा अगर सरकार ने उन्हें बनता हक न दिया तो संघर्ष और तेज किया जाएगा।
इस दौरान जिला प्रधान प्रितपाल सिंह और महासचिव संदीप कुमार ने कहा कि आज की कैबिनेट बैठक के फैसले ने उनकी जिंदगी और उनके परिवार का भविष्य खाक हो जाएगा। पहले ही सरकार पिछले 10 साल से उन्हें ठेके पर रखकर उनका शोषण कर रही है और अब उनके वेतन काटकर उनके समक्ष भूखों मरने की नौबत लाई जा रही है। सरकार के इस कर्मचारी मारु फैसले से अगर किसी अध्यापक का किसी तरह का नुकसान होता है तो इसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
रोष प्रदर्शन दौरान सांझा अध्यापक मोर्चा पंजाब के नेताओं ने कहा कि पंजाब सरकार ने अगर कैबिनेट के फैसले को वापस न लिया तो पहले लिए गए फैसले अनुसार सांझा अध्यापक मोर्चा की अगुवाई में 7 अक्तूबर को पटियाला में पक्का मोर्चा लगाया जाएगा और जब तक सरकार यह कर्मचारी विरोधी फैसले को वापस नहीं लेती और सभी लाभों के साथ अध्यापकों को रेगुलर नहीं किया जाता तब तक पक्का मोर्चा जारी रहेगा। इस दौरान अध्यापकों व सहायक जत्थेबंदियों ने पंजाब सरकार का पुतला जलाकर जमकर नारेबाजी की।