चंडीगढ(द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब सरकार ने दुधारू पशुओं के लिए हरे चारे से बनने वाले अचार की उपलबद्धता को यकीनी बनाने के लिए आधुनिक डेयरी सर्विस केंद्र स्थापित करने का फ़ैसला किया है। जिसके लिए प्रगतिशील डेयरी फार्म और उद्दमियों को मशीनरी के लिए सब्सिडी मुहैया करवाई जाएगी।
इस संबंधी अधिक जानकारी देते हुए पशु पालन, मछली पालन और डेयरी विकास, पंजाब, मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने बताया कि राज्य में दूध की पैदावार को बढ़ाने के मंतव्य से डेयरी विकास विभाग ने हरे चारे से अचार बनाने वाली मशीनरी, सब्सिडी पर मुहैया करवा के आधुनिक ‘डेयरी सर्विस केंद्र स्थापित करने का प्रोग्राम बनाया है। जिसके अधीन हरेक डेयरी सर्विस सैंटर पर 20 लाख रुपए की सब्सिडी दी जायेगी। उन्होंने कहा कि रबी और सावन की फ़सल के समय हरे चारे की भरपूर उपज की जाती है परन्तु कमी वाले महीनों अक्तूबर -नवंबर में हरे चारे की उपलब्धता नहीं होती और दूसरी तरफ़ कई बार हरे चारे की पैदावार अधिक हो जाने के कारण उसे संभाल कर रखना बहुत ज़रूरी हो जाता है। उन्होंने कहा कि इस हालत को देखते हुए पंजाब सरकार ने फ़ैसला किया है कि राज्य में पोष्टिक अचार की उपलब्धता को यकीनी बनाने के लिए डेयरी सेवा केंद्र स्थापित किये जाएंगे।
पशु पालन मंत्री ने आगे बताया कि पंजाब में भी यह तकनीक काफ़ी विकसित हो चुकी है और पंजाब के बहुत से उद्यमी अचार बनाकर पंजाब ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों के भूमि रहिेत दूध उत्पादकों को बेच रहे हैं। इसी के साथ जहाँ हजारों लोगों को रोजग़ार प्राप्त हुआ है, वहीं दुधारू पशुओं को भरपूर तत्वों वाला राशन उपलब्ध हुआ है। इसी के साथ पंजाब की खेती आर्थिक चारों में फ़सल विभिन्नता आई है।
इस मौके पर उपस्थित डेयरी विकास विभाग के डायरैक्टर स. इंद्रजीत सिंह ने बताया कि पंजाब में डेयरी फार्मिंग के कारोबार को सफल बनाने के लिए सारा साल हरे चारों से बनने वाले अचार की उपलब्धता होना बहुत ज़रूरी है और डेयरी फार्मिंग के क्षेत्र में अपना लोहा मनवा चुके देशों ने इन आधुनिक डेयरी सेवा केन्द्रों को पूरी तरह अपनाया गया है। उन्होंने कहा कि मक्की से आचार बना कर धान से अधिक लाभ लिया जा सकता है और इसके साथ पानी की उपयोग भी कम होती है। उन्होंने बताया कि जब मक्का या चेरी में दोधिया ऊपर आती है तो उस समय एक ही समय मशीनों के साथ कट कर जहाँ खेत जल्दी खाली हो जाता है, वहीं तत्वों की भरपूरता के कारण बढिय़ा राशन भी उपलब्ध होता है।
इंद्रजीत सिंह ने समूह दूध उत्पादकोंं से अपील भी की वह ग्रुप बना कर यह मशीनरी जिसमें सेल्फ प्रोपैलड फोडर कटर, हाईड्रोलिक ट्रालियाँ, ट्रैक्टर और मक्का बीजने वाली सीटडरिल लेकर स्कीम का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि अपनी आवश्यकता के लिए अचार डालने के बाद वह दूसरे किसानों के लिए अचार डाल कर उप-आजीविका कमा सकते हैं। उन्होंने कहा कि अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के डिप्टी डायरैक्टर डेयरी या इस विभाग के हेल्प लाईन नंबर 0172 -2217020, 5027285 पर संपर्क करें।