जिलाधीश थोरी ने बहादुर बच्ची कुसुम को राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार के लिए किया नामांकित

जालंधर (द स्टैलर न्यूज़)। 15 वर्षीय बहादुर बच्ची कुसुम के बहादुरी से भरे कारनामे को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए जालंधर के डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने कुसुम को राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार के लिए नामांकन किया है। यह अवार्ड हर साल विशेष बहादुरी दिखाने वाले बच्चों को सम्मानित करने के लिए राष्ट्रीय बाल कल्याण काउंसिल की तरफ से दिया जाता है। जिला मजिस्ट्रेट की तरफ से दाखिल होने वाले नामांकनों में से कुछ चुनिंदा नामों को काउंसिल की तरफ से अवार्ड के ले चुना जाता है। इस साल जालंधर से इस अवार्ड के लिए डिप्टी कमिश्नर कार्यालय की तरफ से कुसुम के नाम की सिफारिश की गई है, जिसने लूट की वारदात को न सिर्फ विफल किया ब्लकि एक लुटेरे को काबू भी कर लिया।

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इस बीच उसे गंभीर चोट भी लगी। विस्तृत जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने बताया कि कुसुम अब दूसरी लड़कियों के लिए भी आदर्श बन चुकी है और उसके प्रयास राष्ट्रीय स्तर पर पहचान के काबिल हैं। हालांकि जिला प्रशासन की तरफ से पहले ही कुसुम को वित्तीय सहायता और प्रशंसा पत्र के साथ सम्मानित किया जा चुका है। मगर अब कुसुम को प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का समय है, जिसके तहत उसके नामांकन की सारी कागजी कार्रवाई पूरी करके उसका नाम पंजाब काउंसिल फॉर चाइल्ड वैल्फेयर के पास भेजा चा चुका है।

जिक्रयोग है कि कुसुम जोकि लाला जगत नारायण डीएवी मॉडल स्कूल की 8वीं कक्षा की छात्रा है, ने 30 अगस्त 2020 को एक लूट की वारदात का सामना किया था, जिसमें दो बाइक सवार लुटेरों ने उसका मोबाइल फोन छीनने की कोशिश की थी, जोकि उसे उसके भाई ने ऑनलाइन पढ़ाई के लिए दिया था। मगर कुसुम ने मोबाइल की लूट को विफल कर दिया, हथियारबंद लुटेरों ने उसे कलाई पर चोट पहुंचाई, इसके बावजूद कुसुम ने उनमें से एक आरोपी को नीचे गिरा दिया। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि कुसुम का यह कारनामा पहले ही उसके परिवार, स्कूल और पूरे शहर का नाम रोशन कर चुका है। अब उसके राष्ट्रीय अवार्ड के लिए नामांकन के साथ उसके प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल पाएगी।

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