पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव से बच्चों और युवाओं को बचाने हेतु उनमें भरे अपनी संस्कृति के गुण: अश्विनी गैंद

-वीर हकीकत राय जैसे महान धर्मनिष्ठावानों की जीवनीयां पाठ्य सामग्री में शामिल करने हेतु प्रधानमंत्री को लिखेंगे पत्र-
होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। सामाजिक संस्था ‘नई सोच’ की एक महत्वपूर्ण बैठक संस्थापक अध्यक्ष अश्विनी गैंद की अध्यक्षता में हुई। बैठक में शहर की अन्य सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। इस अवसर पर बैठक को संबोधित करते हुए अश्विनी गैंद ने कहा कि पाश्चात्य संस्कृति के बढ़ते प्रभाव को रोकने और युवा वर्ग को इससे बचाने के लिए आज विशेष प्रयास किए जाने बहुत जरुरी हैं। उन्होंने कहा कि वैलेंटाइन-डे हो या पाश्चात्य संस्कृति का कोई अन्य त्योहार, पश्चिमी लोगों से ज्यादा हमारे यहां त्योहारों को लेकर शोर रहता है तथा युवा पीढ़ी अपनी संस्कृति भूल इसके पीछे पूरी तरह से पागल सी होती जा रही है, जिसे किसी भी सूरत में भारतीय संस्कृति के लिए तर्कसंगत नहीं कहा जा सकता। श्री गैंद ने कहा कि किसी भी संस्कृति का मान सम्मान करना अच्छी बात है, परन्तु यह कहां का न्याय है कि हम अपनी संस्कृति से ही दूर हो जाएं। इसलिए हमें दूसरों की संस्कृति का मान सम्मान करते हुए उनके त्योहारों को भी अपनी संस्कृति के अनुसार ही मनाना चाहिए। हमें चाहिए कि हम अपने बच्चों को किसी भी त्योहार वाले दिन गौशाला में जाकर गौपूजन करना चाहिए वहीं धार्मिक स्थानों पर जाकर पूजा अर्चना करनी चाहिए। इसके साथ ही अपने बच्चों व युवाओं को भारतीय संस्कारों की जानकारी व उन्हें धारण करने की शिक्षा भी देनी चहिए। अश्विनी गैंद ने कहा कि वह जल्द ही भारतीय संस्कृति को पाठ्य सामग्री में शामिल करने हेतु प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र लिखकर मांग करेंगे कि वीर हकीकत राय जैसे महान धर्मनिष्ठावानों की पुस्तकें स्कूलों में लगाई जाएं। उनकी इस बात का समस्त उपस्थित जनों ने स्वागत किया और अपनी तरफ से पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया। इस मौके पर वीर हकीकत राय सेवा समिति के अध्यक्ष विजय सूद पप्पा, हिन्दू शिव सेना के अध्यक्ष कमल शर्मा कोठारी, विनायक शर्मा, राजेश शर्मा, विजय राणा, नीरज गैंद, सोनू टंडन, शालू हांडा, रवि कुमार, राज कुमार, राजेश कुमार, मनजीत ठाकुर, राजीव कुमार, राजिंदर कुमार, वरिंदर शर्मा, तिलक राज शर्मा, लवली पहलवान, पियूश सूद, रमन कुमार आदि मौजूद थे।

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