सत्ताधारियों की शह पर हुए कब्जों की जल्द खोली जाएगी पोल: कमलजीत कटारिया

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। नगर निगम होशियारपुर की कार्यप्रणाली तो देखिये जो अवैध कब्जों के बारे में बोलता है उसे किसी न किसी षड्यंत्र के तहत बदनाम करने हेतु नगर निगम के अधिकारी और सत्ताधारी शिकायतकर्ता को बदनाम करने लगते हैं। ऐसा ही वार्ड नंबर 47 में हो रहा है जहां पर सरेआम कब्जा करके गैरकानूनी ढंग से निर्माण करने वालों को रोकने के स्थान पर 30-40 साल से घर बनाकर रह रहे लोगों को तंग परेशान करने हेतु उन्हें नोटिस भेजे जा रहे हैं। जिससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि निगम में कितने बड़े स्तर पर मिलीभगत करके गौरखधंधा चल रहा है। इतना ही नहीं वार्ड में चल रहे एक अवैध निर्माण जिसे रोकने संबंधी तहसीलदार ने भी बोर्ड लगा दिया है की निगम द्वारा नक्शा फीस (नक्शा नंबर 710, हरबंस कौर पत्नी स्व. बलबीत चंद के नाम) काट दी गई। जबकि 23 फरवरी 2017 को इसकी शिकायत की गई थी और निगम ने 3 मार्च 2017 को इसकी नक्शा फीस काटी है। जिस संबंधी निगम को जनता को बताना चाहिए कि जिस अवैध निर्माण की शिकायत की गई हो, उसकी फीस किस प्रकार काटी गई, जबकि इसकी जानकारी जिलाधीश, निगम कमिशनर व ई.ओ. को भी दी गई थी। उक्त जानकारी वार्ड पार्षद कमलजीत कटारिया ने प्रैस विज्ञप्ति में दी। उन्होंने कहा कि जिस महिला के नाम पर निगम द्वारा नक्शा फीट काट दी गई वह भी गैरकानूनी ढंग से काटी गई है, क्योंकि उसका इस जमीन से कुछ लेना देना नहीं है। कमलजीत कटारिया ने कहा कि अवैध निर्माण करने वाले सत्तधारी नेताओं की अगर जांच की जाए तो उनके वार्ड के पास ही भाजपा पार्षद द्वारा अवैध रुप से सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करके डेयरी बनाई गई है और उसने अपने रिश्तेदारों को भी कब्जा करवा रखा है। जिसके बारे में पता होने के बावजूद भी निगम द्वारा कार्रवाई की जानी जरुरी नहीं समझी जा रही। इतना ही नहीं उक्त वार्ड में करवाए गए अवैध कब्जों के तहत रहने वालों को गलियां, नालियां एवं सीवरेज आदि की सुविधा दी गई है, जबकि लंबे समय से बलबीर कालोनी के निवासियों की मांग को अनदेखा किया जा रहा है। अगर भगत नगर इलाके में नाजायज कब्जे वालों को सुविधाएं दी जा सकती हैं तो फिर बलबीर कालोनी वालों को क्यों नहीं। इस पर नगर निगम चुप्पी साध लेती है। अगर नियमों के तहत अवैध कब्जे वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए तो फिर इसमें भेदभाव क्यों, क्योंकि सत्ताधारियों ने सरकारी जमीन पर खुद प्लाट काट कर लोगों को दिए हैं तथा इसमें मिलीभगत करके कथित तौर पर सत्ताधारियों व अधिकारियों की जेबें गर्म हुई हैं। अब जबकि अवैध तौर पर एक और कालोनी बसाने का लोगों ने विरोध किया तो सत्ताधारी तिलमिला उठे तथा वे शिकायत करने वालों को एक-एक करके टारगेट करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही नगर निगम के और भी नेताओं व अधिकारियों की शह पर किए गए कब्जों की पोल खोली जाएगी और सभी के खिलाफ कार्रवाई के लिए सरकार को लिखा जाएगा ताकि लोगों को इंसाफ मिल सके।

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