पुलिस ने 2 अपराधियों की गिरफ़्तारी के साथ खालिस्तान-समर्थकीय आतंकवादी मोड्यूल का किया पर्दाफाश

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। राज्य में बड़ी दहशतगर्दी की घटना को रोकते हुए पंजाब पुलिस ने खालिस्तान-समर्थकीय आतंकवादी मोड्यूल का पर्दाफाश किया है, जिसके अंतर्गत पाँच अपराधियों की मिलीभुगत के साथ काम कर रहे दो व्यक्तियों को गिरफ़्तार किया गया है, जिनका मौजूदा समय में अमृतसर जेल में बंद केज़ैडएफ ऑपरेटिव के साथ सम्बन्ध थे।
डीजीपी दिनकर गुप्ता ने बताया कि आतंकवादी हमले कर राज्य में शान्ति और सद्भावना को भंग करने की कोशिश कर रहे कुछ खालिस्तान-समर्थकीय तत्वों के नापाक मंसूबों संबंधी जानकारी के आधार पर पाकिस्तान के समर्थन वाले मॉड्यूल का पर्दाफाश किया गया।

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श्री गुप्ता ने बताया कि जानकारी मिलने के बाद में पंजाब पुलिस ने देश के अलग-अलग हिस्सों से राज्य में दाखि़ल होने वाले सभी लोगों की अच्छी तरह से तलाशी और चैकिंग को यकीनी बनाने के लिए एक मुहिम चलाई, जिसके अंतर्गत हरजीत सिंह उर्फ राजू और शमशेर सिंह उर्फ शेरा, दोनों निवासियों की गाँव मियांपुर, जि़ला तरन तारन से गिरफ़्तार किया गया।

इन दोनों के पास से 6 आतंकवादी हथियार (एक 9 एम.एम. पिस्तौल, चार .32 पिस्तौल और एक .32 रिवॉल्वर), 8 जीवित राउंड कारतूस, कई मोबाइल फ़ोन और एक इन्टरनेट डौंगल बरामद किए गए हैं। इन दोनों अपराधियों को ए.एस.आई. गुरदर्शन सिंह, हवलदार जोरा सिंह और पंजाब होम गार्ड प्रीतपाल सिंह समेत पुलिस द्वारा राजपुरा-सरहिन्द रोड के होटल जशन के नज़दीक चैक पोस्ट पर काबू किया गया।
इन दोनों अपराधियों के खि़लाफ़ आइपीसी की धारा 212, 216, 120 बी, आर्मज़ एक्ट की धारा 25 /54/59, 1959 आर/डब्ल्यू धारा 13, 16, 18, 20, के अंतर्गत ग़ैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) संशोधन एक्ट, 2019 को थाना सदर में एक केस एफ.आई.आर. नं. 116 तारीख़ 15.09.2020 को दर्ज की गई।  डीजीपी के अनुसार प्रारंभिक जांच के दौरान मुलजि़मों ने खुलासा किया कि उनको 4 हथियार मध्य प्रदेश के बुरहानपुर से मिले हैं और 2 सफीदों, जि़ला जींद, हरियाणा से मिले हैं। श्री गुप्ता ने बताया कि यह दोनों अपराधी कत्ल की कोशिश करने के मामले में वांछित थे और दोनों के विरुद्ध थाना सराए अमानत खान, जि़ला तरन तारन में आर्मज़ एक्ट के अंतर्गत मुकद्दमा भी दर्ज है।

प्रारंभिक जांच से आगे यह खुलासा हुआ है कि दोनों व्यक्ति पाँच अपराधियों, शुभदीप सिंह उर्फ शुभ निवासी चीचा, जि़ला अमृतसर जो अब अमृतसर जेल में बंद हैं, अमृतपाल सिंह बाठ निवासी मियांपुर जि़ला तरन तारन जो कत्ल के 12 अलग-अलग मामलों, कत्ल करने की कोशिश, तरन तारन और अमृतसर में आर्मज़ एक्ट के मामलों में वांछित थे, रणदीप सिंह उर्फ रोमी निवासी छेहरटा, अमृतसर, गोल्डी और आशु जो हरियाणा के जि़ला करनाल से सम्बन्धित थे, समेत नशों के मामलों में वांछित था। शुभदीप सिंह संबंधी विवरण साझे करते हुए डीजीपी ने कहा कि वह खालिस्तान जि़ंदाबाद फोर्स (केज़ैडएफ) का एक सक्रिय आतंकवादी था, जिसको पंजाब पुलिस ने सितम्बर 2019 में अमृतसर ग्रामीण के गाँव महावा से एक चीन द्वारा बनाए गए ड्रोन की बरामदगी के दौरान गिरफ़्तार किया था। पिछले साल अप्रैल में, नेशनल इन्वैस्टीगेशन एजेंसी (एन.आई.ए.) ने उसके साथ अकाशदीप सिंह, बलवंत सिंह, हरभजन सिंह, बलबीर सिंह, मान सिंह, गुरदेव सिंह, साजनप्रीत सिंह और रोमनदीप सिंह समेत 8 अन्यों के खि़लाफ़ मोहाली की एन.आई.ए. कोर्ट में दोष पत्र दाखि़ल किया था। यह केस इस जानकारी के साथ जुड़ा हुआ है कि पाकिस्तान स्थित केज़ैडएफ के प्रमुख रणजीत सिंह उर्फ नीटा ने जर्मन आधारित केज़ेडएफ संचालक गुरमीत सिंह उर्फ बग्गा की मिलीभुगत के साथ हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक और नकली इंडियन करंसी नोट (एफआईसीएन) पाकिस्तान से ड्रोनों के द्वारा भारत में तस्करी की थी।

रणदीप सिंह उर्फ रोमी के सम्बन्ध में, श्री गुप्ता ने खुलासा किया कि वह एसएसओसी अमृतसर द्वारा कत्ल करने की कोशिश, नशा तस्करी और आर्मज़ एक्ट के अंतर्गत एफआईआर नं. 17 तारीख़ 16.12.2014 को दर्ज केस में वांछित था।

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