तलवाड़ा (द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: प्रवीण सोहल। अपने पैतृक गांव में जनता से मुखातिब होकर उनकी समस्याओं का समाधान करते विधायक अरुण डोगरा जी ने अपने पिता की पुण्यतिथि के अवसर पर उन्हें याद करते हुए कहा कि “मौत ज़िंदगी का अंत कर सकती है,रिश्तों का नही”अत: मेरा मानना है कि जैसे नाखूनों से मांस अलग नही हो सकता ऐसे ही मेरे पिता जी द्वारा अपने निर्वाचन क्षेत्र की जनता के साथ बनाया रिश्ता कभी ख़त्म नही हो सकता।
उन्होंने कहा कि अक्सर मुझे लोग याद दिलाते हैं कि उनके पिता जी अब इस दुनिया में नही रहे पर मै उन्हें हर पल अपने आसपास महसूस करता हूं क्योंकि जिन्होंने अपनी तमाम ज़िंदगी औरों के नाम कर दी हो भला उसकी मृत्यु कैसे हो सकती है क्योंकि दूसरों के नाम अपना सर्वस्व लुटाने वाला तो हमेशा अमर रहता है। आज भी हर रोज़ दसूहा निर्वाचन क्षेत्र की जनता की जुबान पर मेरे पिता का नाम किसी ना किस वजह से ज़रूर आता है अत: मेरा मानना है कि उनकी 23 अप्रैल 2013 को मृत्यु नही हुई थी बल्कि इस लोक को छोडक़र वह किसी ऐसी दुनिया में चले गए हैं जहां उनकी ज्यादा ज़रूरत थी।