दातारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। दातारपुर में स्वदेशी जागरण मंच की ओर से पेटेंट क़ानून के सन्दर्भ में एक सेमीनार का आयोजन किया गया जिसमे पंजाब प्रांत स्वदेशी जागरण मंच के सह संयोजक दिनकर पराशर आयोजक तथा शिक्षाविद सतपाल शास्त्री विशेष आमंत्रित के तौर पर उपस्थित रहे। इस अवसर पर हुई चर्चा में दिनकर तथा शास्त्री ने कहा आमतौर पर पेटेंट एक कानूनी अधिकार है। यह किसी भी तकनीक, खोज, सेवा या डिजाइन को बनाने वाली कंपनी, संस्था या व्यक्ति को दिया जाता है, जिससे कि उसके उत्पाद का कोई नकल न कर सके। तथा उस कम्पनी की बिना अनुमति के अगर कोई कंपनी किसी उत्पाद को बनाने लगे तो वह गैरकानूनी होगा। शास्त्री ने कहा विश्व में फिलहाल वैश्विक महामारी कोरोना के जितने भी टीके बन रहे हैं उन सभी कंपनियों के उस टीके का पेटेंट है। इसके साथ ही वैक्सीन का उत्पादन केवल वही कंपनी कर सकती है।
ऐसे में अगर वैक्सीन पर से पेटेंट हटाया जाता है तो वैक्सीन को बनाने की तकनीक दूसरी कंपनियों को भी मिल जाएगी। इससे टीके की कमी दूर होगी और उसकी कीमत भी कम होगी और त्वरित गति से टीकाकरण किया जा सकेगा। शास्त्री ने कहा कि त्वरित टीकाकरण से कोरोना की तीसरी और चौथी लहर से निजात मिल सकेगी। उन्होंने कहा अमेरिकी के डेलिगेट कैथरीन ताई ने कहा है कि जो बाइडन प्रशासन बौद्धिक संपदा की सुरक्षा का समर्थन करता है, लेकिन वैक्सीन पेटेंट में छूट सिर्फ कोरोना वायरस महामारी के खात्मे तक ही दी जाएगी। उन्होंने कहा, यह वैश्विक स्वास्थ्य संकट है। कोविड-19 की विपरीत परिस्थितियां बड़ी पहल करने के लिए बाध्य कर रही हैं। शास्त्री तथा दिनकर ने कि कहा भारत और दक्षिण अफ्रीका ने पिछले साल अक्तूबर में विश्व व्यापार संगठन से वैक्सीन पर से पैटेंट हटाने की मांग की थी। बता दें कि भारत और दक्षिण अफ्रीका की इस मांग को फिलहाल 100 से ज्यादा देशों ने समर्थन किया है।
सबसे बड़ी बात अमेरिका ने भी इस पहल का समर्थन किया है हालांकि बता दें कि पहले अमेरिका इसके विरोध में था। उन्होंने कहा ब्रिटेन, कनाडा, यूरोपीय संघ सहित कई अमीर देश पेटेंट हटाना नहीं चाहते हैं। इसके अलावा दुनियाभर की फार्मा कंपनियां भी इसके विरोध में हैं, क्योंकि फार्मा कंपनियों के लिए यह कमाई का बड़ा मौका है। इसके साथ ही इन कंपनियों का कहना है कि उन्होंने करोड़ों रुपए खर्च कर इन वैक्सीन को बनाया है। शास्त्री तथा पराशर ने कहा कि जिस तेजी से संक्रमण फैल रहा है, उसके लिए यह जरूरी है की पेटेंट क़ानून को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए ताकि इस विभीषिका से मानव सभ्यता को बचाने के प्रयास तेज हो सकें। उनका कहना है कि डब्ल्यूटीओं में बातचीत जितनी जल्दी हो, निष्कर्ष पर पहुंचना चाहिए क्योंकि दुनिया को कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम और संक्रमित लोगों के इलाज के लिए टीकों और अन्य चिकित्सा उत्पादों की जरूरत है।