पाबंदी के बावजूद धड़ल्ले से बिक रही सिंथैटिक डोर: पंडित/वालिया/जस्सल

कपूरथला (द स्टैलर न्यूज़) रिपोर्ट: गौरव मढिय़ा। लोहड़ी व बसंत पंचमी के नजदीक आते ही पतंग शुरू हो जाती है। ’यादातर पतंगबाज इस दौरान ‘ााइना डोर का प्रयोग करते हैं। जो खतरनाक ढंग के साथ अलग-अलग सिंथैटिक केमिकल इस्तेमाल से तैयार होती है। पतंग उड़ाने के शौकीन एक-दूसरे की पतंग काटने के लिए चाइना डोर को अपनी पहली पसंद मानते हैं। लेकिन कई बार पतंग के शौकीनों के लिए यह डोर उस समय भारी पड़ जाती है जब वह पतंग काटने के लिए इस डोर को खींचते हैं तब यह खतरनाक डोर उन के हाथों को काट कर हाथों को जख्मी कर देती है और जब यह डोर किसी राहगीर व्यक्ति के गले में पड़ जाए तब यह गले को भी काट देती है और हर साल इस डोर के साथ हादसे घट रहे हैं। जबकि इस डोर के साथ व्यक्ति ही नहीं यह डोर बेजुबान पक्षियों पर भी भारी पड़ जाती है क्योंकि यह डोर उन को भी अपनी चपेट में लेकर जख्मी ही नहीं करती बल्कि कई पक्षियों की मौत भी हो जाती है। चाहे कि रा’य में श्री अमृतसर साहिब और फिरोज़पुर को पतंग उड़ाने में एक नंबर पर माना जाता है, लेकिन हर नौजवान ही बसंत पंचमी के दिनों में पतंग उड़ाते हैं और चाइना डोर इस्तेमाल करते हैं। यदि आने वाले समय में चाइना डोर की बिक्री पर सख्ती से नकेल न लगाई गई तब इसके नतीजे भयानक होते रहेंगे, क्योंकि पाबंदी के बावजूद भी चाइना डोर जोरों से बिक रही है।

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बुधवार को विश्व हिन्दू परिषद जालंधर विभाग के प्रधान नरेश पंडित, बजरंग दल के जिला प्रधान जीवन प्रकाश वालिया एवं वरिष्ठ नेता मोहित जस्सल ने बताया कि चाइना डोर से कई मौतें, हादसे हो चुके हैं और यह पक्षियों की जान के लिए भी घातक है। अक्सर राहगीरों की जान के लिए भी यह आफत है। विश्व हिन्दू परिषद सहित कपूरथला की कई संस्थाएं समय-समय पर सख्त एक्शन की मांग करती है फिर भी प्रशासन की अनदेखी दुकानदारों का लालच इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार है। उक्त नेताओं ने कहा कि चाइना के नाम पर देश में ही बनाई जा रही प्लास्टिक डोर के कारण हर वर्ष अनेक हादसे होते हैं। इस डोर के गले में उलझने के कारण कई लोग घायल हो चुके हैं। पिछले साल भी पंजाब के अनेक शहरों में बाइक सवार के गले में चाइना डोर फंसने से हादसे हुए हैं। पिछले वर्ष भी अधिक संख्या में ब‘चे चाइना डोर के कारण घायल हुए थे। वहीं दोपहिया वाहन चालकों के लिए यह डोर किसी तेजधार हथियार से किए गए वार का काम करती है, इससे लोगों को जान तक गंवानी पड़ती है। यही नहीं यह डोर पक्षियों के लिए बेहद घातक साबित हो रही है। चाइना डोर में उलझने के कारण हर साल अनेक पक्षी अपनी जान गंवा देते हैं। इस डोर पर पाबंदी है, लेकिन इसके जनवरी से लेकर बसंत के त्यौहार तक इस डोर की बिक्री बड़े स्तर पर की जाती है।
नरेश पंडित ने कहा कि शहर में पुलिस द्वारा चाइना डोर की खरीद, बिक्री, भंडारण, इस्तेमाल करने वाले सभी लोगों पर उक्त आदेशों अनुसार सख्त धाराएं लगाकर कार्रवाई नहीं की जाती। इस डोर को लेकर कई सामाजिक संस्थाएं स्कूलों में जाकर ब‘चों को जागरुक भी कर रही है लेकिन इसकी जागरुकता नहीं होने के कारण ब‘चे व उनके परिजन भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। विश्व हिन्दू परिषद पंजाब सरकार व जिला प्रशासन से मांग करती हैं कि चाइना डोर पर पाबंदी लगाई जाए।

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