दातारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। पूर्व प्लैनिंग बोर्ड होशियारपुर के चेयरमैन प्रधान गौ सेवक जवाहर खुराना ने दातारपुर में कहा कि भगवान कृष्ण ने जहां गाय रहती वहां की मिट्टी को खा लिया। भगवान कृष्ण को मिट्टी खाते बलदेव ने देख लिया और माता यशोदा से शिकायत कर दी। उन्होंने कहा माता यशोदा ने भगवान कृष्ण को खूब डांटा। इस पर भगवान कृष्ण ने माता यशोदा से कहा कि मैंने गाय के चरण की धूल खाई। गौ धूल जिसके माथे पर लग जाए उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। गाय के चरण की मिट्टी को मिट्टी नहीं समझना चाहिए। गाय के खुर की धूल का जब व्यक्ति तिलक करे तो उस व्यक्ति का अवसाद दूर हो जाता है। जिस घर गौ रम्भाती है उसका सारा विषाद मिट जाता है।
गाय को सदैव घंटी बांधकर रखना चाहिए। गाय की रोजाना दो बार आरती होनी चाहिए तो इससे नजर नहीं लगती है जो सुंदर चीज होती है उस पर नजर लगती है गाय तो सुंदर होती है। जवाहर खुराना ने कहा मानव मात्र की दो माताएं होती है, इसीलिए माधव शब्द में मा-धव यानी मां की ओर दौडऩा अर्थात एक ने जन्म दिया दूसरी ओर दौड़ रहे हैं। जन्म देने वाली देवकी माता है और गौ माता ही पालन करने वाली यशोदा है। संसार में ऐसा कोई पुरुष नहीं है जिसकी दो माताएं न हो, दूसरी माता गाय ही होती है जो अच्छे लोग हैं वे इस बात पर विचार करें।
उन्होंने कहा ईश्वरीय दृष्टि जब होती है तभी व्यक्ति नर तन पाकर अवतरित होता है। यहां एक ही धर्म एक ही नियम आचार विचार है कि, व्यक्ति सदा गौ का सत्कार करें। खुराना ने कहा गौ माता जगत के हित के लिए प्रकट हुई है, इसको परम हितैषी जानो। इस मां की पूजा में लग जा, मोह, मद, अभियान त्याग दे। कामधेनु बोली हे, सर्पाभूषण धारण करने वाले भोले नाथ मेरे ही लिए भगवान हरि ने अवतार लिया। बाल सुलभ लीला करके गौ स्वरूपा यशोदा जी को सुख दिया। आज गौ माता गंगा जी एवं हिमालय की दुर्दशा हो गयी है, सारे श्रद्धालु आंख बंद कर बैठे हैं। हम सब लोग आंख खोलकर इन तीनों को देखें। क्योंकि ये तीनों मां भारती संस्कृति की मूल हैं। गौ गंगा पहाड़ सही जगत के आधार हैं। ऑक्सीजन मिल रहा है। यह शरीर जलवायु से निर्मित है। इनके प्रदूषण होने से विश्व का ही क्षय हो जाएगा। जिस घर में नित्य गौ सेवा होती है, वहीं तैंतीस करोड़ देवता निवास करते हैं। सारे मंदिर और तीरथ वहीं चलकर आते हैं एवं चारों धाम तथा सातों पुरियां वहीं विराजमान होती हैं।