तेरा क्या होगा भा..पा! “म” की जगह “स” ने बदल दिया अर्थ, हो गया अनर्थ, हो रही या करवाई जा रही जगहंसाई ?

एक तो पहले ही कई सवालों में घिरी भाजपा के लिए चुनावी मैदान के पत्थर कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं वहीं कोई तो है जो रह-रह कर किसी न किसी बहाने से भाजपा प्रत्याशी की जगहंसाई का कोई मौका नहीं छोड़ रहा। ताजा वाक्य में भाजपा उम्मीदवार अनीता सोम प्रकाश के चुनाव प्रचार संबंधी जो सामग्री बाजारों में बांटी जा रही हैउसमें जो स्टीकर छपवाए गए या कहीं से छप कर आए पर मैडम अनीता सोम प्रकाश के नाम के आगे लिखा मैडम, सैडम छपा हुआ है। “एक शब्द के फेर ने म से स क्या हुआ अर्थ का अनर्थ हो गया।”

Advertisements

लालाजी स्टैलर की चुटकी

भले ही गलती छपाई में हुई हो, लेकिन सवाल है कि क्या किसी ने प्रूफ चैक नहीं किया, अगर किया तो गलती सुधारी क्यों नहीं गई। मान लो कि गलती जानबूझकर नहीं की गई तो क्या जब बांटने लगे तो भी किसी ने ध्यान नहीं दिया या ध्यान दिया मगर जानबूझकर बंटवा दिए ताकि जगहंसाई का मौका मिला। गलती तो छोटी सी है, मगर असर बड़ा हो रहा है। शहर के मुख्य बाजारों में बांटने गए इन स्टीकरों की फोटो खींचकर जहां लोग एक दूसरे को भेजकर चटकारे ले रहे हैं वहीं एक गुट से जुड़े नेता एवं उनके सहयोगियों द्वारा भी कुछ कम नहीं की जा रही। सूत्रों से पता चला है कि खुद को उम्मीदवार का ज्यादा ही चहेता बताने वाले एक गुट के कुछ लोगों द्वारा जानबूझकर स्टीकरों को बांटा जा रहा है ताकि मैडम को सैडम पढ़कर….. कि अभी से क्यों सैडम, अभी तो मतदान होना है। उसके बाद….।

समझ गए न कि वे क्या चाहते हैं और वैसे भी जिन चौधरियों ने झंडा मोदी का उठा रखा है और उम्मीदवार के लिए उनकी क्या सोच है इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। इसलिए तो बार-बार राजनीतिक माहिर कह रहे हैं कि भाजपा को इस सीट से जीत एसे ही नहीं मिलेगी, चंद लोगों पर निर्भरता जहां इस प्रकार की समस्याएं खड़ी करके बिना वजह की जगहंसाई करवाएगी वहीं इसका लाभ दूसरी पार्टियों को होना तय है। एकता में बल है वाली कहावत भूल गए शायद। मुझे दें इजाजत। जय राम जी की।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here