होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब सरकार द्वारा लंबे समय से प्राईमरी शिक्षा विभाग में ब्लाक प्राईमरी शिक्षा अधिकारियों की रैगुलर नियुक्ति न करना तथा अब इन के पदों पर प्रिंसीपलों को इंचार्ज बनाए जाने के आदेश प्राईमरी शिक्षा को खत्म करने तथा छोटे बच्चों को शिक्षा से वंचित रखने, प्राईमरी स्कूलों को खत्म करने तथा प्राईमरी अध्यापकों के प्रमोशन चैनल को खत्म करने की सरकार की बहुत गहरी साजिश है। जिसको प्राईमरी अध्यापक तथा छोटे बच्चों के अभिभावक बर्दाशत नहीं करेंगे। इन विचारों का प्रगटावा पंजाब राज्य के पूर्व प्रधान मास्टर महिंद्र सिंह हीर जिन्होंने 1972 से गर्वनमैंट प्राईमरी टीचर एसोसिएशन के बैनर तले प्राईमरी बच्चों की शिक्षा के सुधार तथा प्राईमरी अध्यापकों के प्रमोशन चैनल की प्राप्ति के लिए प्राईमरी डायरैक्टोरेट के बलबंत सिंह खेड़ा के नेतृत्व में लंबा संघर्ष किया है। इस संघर्ष में मास्टर कृपाल सिंह काहलों, मास्टर बलवीर सिंह, इब्राहिम पुरी, स. प्यारा सिंह ढिल्लों, पूर्व पंजाब प्रधान, बलदेव कृष्ण मोदगिल, ज्ञान चंद नैय्यर, अजीत सिंह बबेहाली, जगदीश तथा अन्य नेताओं का विशेष योगदान रहा।
जिसके कारण 1978 में प्राईमरी शिक्षा के अलग से डायरैक्टोरेट की स्थापना हुई। जिस में प्राईमरी टीचरों को हैड टीचर/सैंटर हैड/ बी.पी.ई.ओ. तक की प्रमोशनें दी गई। सरकार द्वारा पहले भी इस डायरैक्टोरेट को रद्ध करने की साजिशें रची जा चुकी हैं लेकिन सूझवान तथा दूर अंदेशी वाली लीडरशिप ने इन साजिशों को कामयाब नहीं होने दिया। समाजिक संघर्ष पार्टी पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष मास्टर महिंद्र सिंह हीर तथा सभी अध्यापकों के पूर्व नेताओं ने अभी-अभी सरकार द्वारा इन बी.पी.ई.ओ. के पद पर प्रिंसीपलों को इंचार्ज बनाने के जो आदेश दिए हैं को तुरंत रद्ध करने की जोरदार मांग की है तथा प्राईमरी टीचरों में से ही बी.पी.ई.ओ. की रैगुलर नियुक्ति करने की अपील की है नहीं तो पंजाब के समूचे प्राईमरी अध्यापक तथा छोटे बच्चों के अभिभावक तथा सेवामुक्त प्राईमरी अध्यापक नेता तथा अध्यापक सरकार की साजिश के विरुद्ध पूरी ताकत के साथ संघर्ष करेंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी पंजाब सरकार की होगी।
श्री हीर ने समूह प्राईमरी/ई.टी.टी. अध्यापक यूनियन तथा सहयोगी संगठनों से सरकार द्वारा प्राईमरी अध्यापकों की प्रमोशन चैनल को खत्म करने के विरुद्ध मिल कर संघर्ष करने की अपील की। श्री हीर ने भी समूह अध्यापक संगठनों द्वारा इस संबंध में किए जा रहे संघर्ष में पूरा सहयोग देने का फैसला किया है। उन्होने यह भी कहा कि समाजिक संघर्ष पार्टी पंजाब द्वारा इस आदेश को तुरंत रद्द करवाने के लिए मुख्यमंत्री पंजाब/शिक्षा मंत्री को मांग पत्र डी.सी. होशियारपुर के माध्यम से भेजा जाएगा।