हमीरपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: रजनीश शर्मा: शौर्य चक्र विजेता कर्नल बीएस लगवाल ने कहा है कि अग्निपथ योजना देश के लिए खतरनाक है। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिक वन रैंक वन पेंशन की मांग कर रहे हैं , इसकी जगह सरकार ने अग्निवीर का दर्जा देकर नो रैंक नो पेंशन का फरमान जारी कर दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग उठाई है। कर्नल लागवाल ने कहा कि इस योजना से सेना कमजोर होगी जिसका खामियाजा देश की जनता को भुगतना पड़ेगा। सोमवार को पत्रकारों से इस बारे विस्तृत चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सेना में चार वर्ष तक अपनी सेवाएं देने वाले अग्निवीर को न तो कोई रैंक मिलेगा और न ही पेंशन। सेना में कार्यरत जवान जब अपने भविष्य को लेकर आशंकित होगा तो बह देश सेवा कितने कारगर ढंग से की पाएगा इसका सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है।
लगवाल ने कहा कि वर्ष 2015 में मोदी सरकार द्वारा सेना के पेंशन बजट को हटा कर रक्षा बजट में डाल दिया । जहां कहीं भी आपातकाल होता है वहां सेना को बुला लिया जाता है। योग दिवस में जिस ठेकेदार को मैट बिछाने का ठेका दिया गया था वह नहीं आया तो सेना को मैट बिछाने के लिए लगा दिया। सेना का काम मैट बिछाना है। हर स्तर पर सेना से किया जाने वाला सौतेला व्यवहार ठीक नहीं है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखा है जिसमें जो अग्निपथ योजना बिना लोक सभा राज्य सभा के पटल पर रखे हुए लागू किया है उससे सशस्त्र सेना का राजनीतिकरण तथा निरादर हुआ है। उन्होंने कहाकि एक रैंक एक पेंशन अभी पूरी तरह से लागू नहीं हो पाई है जंतर मंतर दिल्ली में पूर्व सैनिक अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में 20 सवाल खड़े किए हैं।
उनका कहना है कि जम्मू कश्मीर का ड्रामा जो भाजपा ने किया है वह भी ठीक नहीं रहा क्योंकि वहां पीडीपी को समर्थन दिया और 3 साल वहां सरकार चलाई। 2013 में लोकसभा चुनाव के पहले प्रधानमंत्री ने वादा किया था कि सेना को मजबूत बनाएंगे लेकिन अग्निपथ अग्निवीर योजना को लाकर सेना को कमजोर करने की कोशिशें होने लगी है क्योंकि 4 साल तक जो लड़का फौज में जाएगा उसके बाद दें जब वापस घर आएगा तो बेरोजगारी की कतार शामिल होगा। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिक पेंशन धारियों की संख्या 2500000 है उनका सालाना बजट 33000 करोड है पूर्व सैनिक की प्रतिमाह औसत पेंशन ₹15050 है जबकि रक्षा मंत्रालय के तहत जो सिविलियन कार्यरत थे इन पेंशन धारियों की संख्या सिर्फ 5 लाख 32 हजार है। उन्होंने कहा कि इन दोनों वर्गों में पेंशन मे बहुत ज्यादा अंतर है।
जिसका जवाब प्रधानमंत्री को देना चाहिए। केंद्र में पिछले 4 वर्षों में 4 रक्षा मंत्री बदले गए जिसका संदेश यही जाता है कि उनकी प्रथम पंक्ति में रक्षा मंत्रालय नहीं है। उन्होंने कहा कि युवाओं को बेरोजगार करने की जगह रोजगार देना जरूरी है लेकिन केंद्र सरकार इसे देने में असफल रही है। इस अवसर पर सेवानिवृत कर्नल सुभाष शर्मा, सूबेदार बलदेव राज कप्तान व अजीत सिंह भी मौजूद रहे।
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कांग्रेस टिकट पर लडूंगा चुनाव
कर्नल लग्वाल ने कहा कि वह कांग्रेस के पुराने सिपाही हैं और एक बार धूमल के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं। सैनिकों के दर्द को अच्छी तरह से जानते हैं। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी मौका देगी तो वह हमीरपुर विस क्षेत्र से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। पूर्व सैनिकों में उनकी अच्छी पैठ है और विभिन्न पदों पर रहते हुए उन्होंने सैनिकों और पूर्व सैनिकों की समस्याओं को लगातार उठाया है। कर्नल लगवाल के मुताबिक उन्हें भरोसा है कि पार्टी हाई कमान एक मौका उन्हे जरूर देगा