मुलाजिम जत्थेबंदियों को भी नेत्रदान मुहिम से जोडऩे हेतु किए जाएंगे प्रयास: कुलवंत सिंह सैनी

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। रोटरी आई बैंक एवं कार्निया ट्रांसप्लांट सोसायटी की तरफ से एक कार्निया ब्लाइंडनैस पीडि़त का आप्रेशन करवाकर उन्हें आंख डाली गई। जिससे वह पहले की तरह ही इस सुंदर संसार को देख पाएंगे। उनकी आंखों की पट्टी खोलने हेतु सोसायटी की तरफ से एक कार्यक्रम प्रधान व प्रमुख समाज सेवी संजीव अरोड़ा की अगुवाई में आयोजित किया गया। मईया जी असी नौकर तेरे वैष्णो धाम में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रदेश स्तरीय मुलाजिम नेता कुलवंत सिंह सैनी विशेष तौर से उपस्थित हुए। इस अवसर पर कुलवंत सैनी ने कहा कि रोटरी आई बैंक द्वारा छेड़ी गई मुहिम का जरुरतमंदों को काफी लाभ मिल रहा है, जिसके चलते कार्निया ब्लाइंडनैस मरीजों को नई रोशनी मिल रही है।

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देश के अलग-अलग भागों से आनी शुरु हो चुकी है कार्निया ब्लाइंडनैस मरीजों की सूची: संजीव अरोड़ा

उन्होंने कहा कि वह मुलाजिम जत्थेबंदियों की बैठक में भी उन्हें नेत्रदान प्रणपत्र भरने संबंधी जागरुक करेंगे ताकि इस मुहिम में मुलाजिमों का भी बहुमूल्य सहयोग डाला जा सके। इस अवसर पर मेहमानों का स्वागत करते हुए संजीव अरोड़ा ने बताया कि रोटरी आई बैंक को देश के अलग-अलग हिस्सों से कार्निया ब्लाइंडनैस पीडि़तों की सूची आनी शुुरु हो गई है तथा अब तक प्राप्त सूचियों में सबसे अधिक मरीज उत्तर प्रदेश से संबंधित आ रहे हैं। कार्निया ब्लाइंडनैस पीडि़तों की संख्या अधिक है जबकि उसके मुकाबले नेत्रदानियों की संख्या कम है। उन्होंने कहा कि इस कमी को पूरा करने के लिए अधिक से अधिक लोगों को मरणोपरांत नेत्रदान प्रणपत्र जरुर भरने चाहिए ताकि उनके जाने के बाद भी उनकी आंखें किसी के माध्यम से इस सुन्दर संसार को देख सकें। श्री अरोड़ा ने बताया कि कुलवंत सिंह सैनी जोकि एक रक्तदानी के तौर पर जाने जाते हैं तथा नेत्रदान मुहिम में भी इनके द्वारा सराहीय सहयोग दिया जाता है।

इस दौरान चेयरमैन रोटरी बॉडी डोनेशन डा. तरसेम सिंह ने उपस्थिति को संबोधित करते हुए कहा कि एक तरफ जहां मरणोपरांत नेत्रदान महान दान है उसी प्रकार मृत शरीर का भी डाक्टरी लाइन से जुड़े छात्रों के लिए बहुत महत्व होता है। क्योंकि, वह मृत शरीर पर एक्सपैरीमेंट करके मानव रोगों से लडऩे एवं उनके इलाज संबंधी बहुत सारी जानकारी सीखते हैं ताकि भविष्य में अच्छे डाक्टर के तौर पर काम करते हुए उन छात्रों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो। डा. तरसेम ने बताया कि नेत्रदान की तरह ही बॉडी डोनेट करने वाले का मृत शरीर बहुत ही सम्मान के साथ मैडीकल कालेज ले जाया जाता है तथा प्रैक्टिकल समाप्त होने उपरांत बहुत ही विधिपूर्वक एवं सम्मान के साथ उसका अंतिम संस्कार किया जाता है। उन्होंने कहा कि जीते जी रक्तदान, मरणोपरांत नेत्रदान एवं शरीर दान करने वाले ही मानवता के सच्चे सेवक कहलाते हैं।

इस दौरान सोसायटी की तरफ से मुख्य अतिथि कुलवंत सिंह सैनी को सम्मानित भी किया गया। इस मौके पर चेयरमैन डेबी बहल, मदन लाल महाजन, प्रिं. डीके शर्मा, प्रो. तरसेम महाजन, पूजा महाजन, कुलवंत सिंह पसरीचा, अविनाश सूद, कुलदीप राय गुप्ता, तरुण सरीन, कमल खुराना, जगदीश अग्रवाल, अमित नागपाल, गुरनूर सैनी, रेनू कंवर, तरसेम मोदगिल, दीपक मेहंदीरत्ता, जसवीर कंवर, रमन वर्मा एवं तमन्ना आदि मौजूद थे।

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